रिया के खिलाफ एफआईआर बिहार से मुंबई ट्रांसफर करने की मांग पर आज होगी सुनवाई

नई दिल्ली। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में उनकी गर्लफ्रेंड रहीं रिया चक्रवर्ती की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुना सकता है। इससे पहले बिहार सरकार और रिया ने कोर्ट में अपने जवाब दाखिल किए। बिहार सरकार ने तर्क दिया कि सीबीआई जांच में किसी भी तरह का अड़ंगा नहीं लगाने दिया जाएगा। मामले की गहराई से जांच होगी। वहीं रिया ने अपने जवाब में कहा कि सुशांत केस को सीबीआई को सौंपने का फैसला बिहार पुलिस की अनुशंसा पर पर लिया गया है। ऐसा करना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। रिया ने खुद के खिलाफ पटना में दर्ज केस को मुंबई ट्रांसफर करने की मांग की है। बिहार सरकार पटना में दर्ज केस के आधार पर इसकी जांच पहले ही सीबीआई को सौंप चुकी है।

कोर्ट में फैसला फिलहाल सुरक्षित

इससे पहले 11 अगस्त को सुनवाई हुई थी। तब कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। आज इस केस से जुड़े सभी पक्षों यानी रिया, सुशांत के परिवार, बिहार और महाराष्ट्र पुलिस से लिखित जवाब देने को कहा गया था। कोर्ट में आज ही रिया की उस याचिका पर भी सुनवाई होनी है, जिसमें उन्होंने इस मामले में मीडिया ट्रायल रोकने की मांग की है।

सुशांत की बहन ने की सीबीआई जांच की वकालत

सुशांत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति ने इंस्टाग्राम पर अपना एक फोटो पोस्ट किया है, जिसमें वे हाथ में व्हाइट बोर्ड लिए नजर आईं। इस पर लिखा था- मैं सुशांत सिंह राजपूत की बहन श्वेता सिंह राजपूत हूं और मैं सीबीआई जांच की मांग करती हूं। श्वेता ने इस फोटो के साथ लिखा- यह ऐसा समय है जब हमें सच्चाई का पता लगाकर न्याय पाना है। सच सामने लाने में हमारी और हमारे परिवार की मदद करें, वरना हम कभी शांति से जी नहीं सकेंगे। अपनी आवाज उठाएं और सुशांत के लिए सीबीआई जांच की मांग करें।

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सिद्धार्थ पिठानी पर गहराया शक

सुशांत के पिता के वकील ने कहा कि सिद्धार्थ पिठानी सबसे बड़ा संदिग्ध है। यह खुदकुशी नहीं हत्या का केस है। कॉन्सपिरेसी थ्योरी के हिसाब से देखें तो यह भी हो सकता है कि सुशांत को पहले बेहोश किया गया हो। सिद्धार्थ सुशांत का दोस्त है और वह उनके साथ ही रहता था।

इसलिए पटना में केस दर्ज करने का अधिकार

सिंह ने दलील देते हुए यह भी कहा कि सुशांत के शोषण और धोखाधड़ी का खुलासा पटना में ही हुआ, इसलिए पटना पुलिस के पास सीआरपीसी की धारा 179 के तहत एफआईआर दर्ज करने का अधिकार है। उधर, महाराष्ट्र सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बिहार सरकार इस मामले में राज्य चुनाव से पहले केवल राजनीतिक लाभ लेना चाहती है।