वास्तु के इन नियमों को अपनाएं, खुशियों से भर जाएगा आपका घर

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वास्तु दोष का बिना पैसा खर्च किये घर पर करें ये सरल उपाय

यदि आपके घर में वास्तु दोष है तो तत्काल सतर्क हो जाएं और बिना देर किए वास्तु दोष को समाप्त करा लें। इसके लिए आपको किसी पंडित या वास्तु शास्त्री के पास जाने की या पैसा खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। हम आपको बताएंगे कि आपके घर का सुकून छिनने का मूल कारण क्या है। साथ ही वास्तु दोष दूर करने के सरल उपाय भी सुझाए जाएंगे।

पूजा घर का वास्तु दोष दूर करें

घर का सबसे महत्त्पूर्ण हिस्सा होता है पूजा घर। यदि यह सही दिशा में नहीं है तो घर में नकारात्मक प्रभाव आना तय है। मन की शांति और घर के चौमुखी विकास के लिए पूजाघर का स्थान उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण पर ही होना चाहिए। क्योंकि ये ही देवताओं का स्थान होता है। यह भी ध्यान रखें की पूजाघर के ऊपर या नीचे कभी टॉयलेट, रसोईघर या सीढिय़ां न हो। सब कुछ ठीक होने के बाद भी आपको लगता है कि हमारे हाथ में धन नहीं रुकता तो आपको अपने घर के दक्षिण-पूर्व दिशा क्षेत्र से नीला रंग हटाने की ज़रुरत है। इस दिशा में हल्का नारंगी, गुलाबी रंगों का प्रयोग करें।

 

नकारात्मक ऊर्जा हटाने के लिये ये उपाय अपनाये

घर के अंदर लगे हुए मकड़ी के जाले, धूल-गंदगी को समय-समय पर हटाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा नहीं रहती। पार्किंग हेतु उत्तर-पश्चिम स्थान प्रयोग में लाना शुभ माना गया है। घर में बनी हुई क्यारियों या गमलों में लगे हुए पौधों को नियमित रूप से पानी देना चाहिए। यदि कोई पौधा सूख जाएं तो उसे तुरंत वहां से हटा दें। दक्षिण-पश्चिम दिशा में ओवरहैड वॉटर टैंक की व्यवस्था करना लाभप्रद रहता है। दरवाजे को खोलते तथा बंद करते समय सावधानी से बंद करें ताकि कर्कश ध्वनि न निकले। यदि आपने घर में पूजा घर बना रखा है तो शुभ फलों की प्राप्ति के लिए उसमें नियमित रूप से पूजा होनी चाहिए एवं दक्षिण-पश्चिम की दिशा में निर्मित कमरे का प्रयोग पूजा-अर्चना के लिए नहीं किया जाना चाहिए।गैस का चूल्हा किचन प्लेटफार्म के आग्नेय कोण में दोनों तरफ से कुछ इंच जगह छोड़कर रखना वास्तु सम्मत माना गया है।

सोते समय दिशा
सोते समय दिशाके

शयन कक्ष के लिये है ये जरूरी बातें

शयन कक्ष में ड्रेसिंग टेबल हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में रखनी चाहिए, सोते समय शीशे को ढक दें। किसी भी व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में दक्षिण दिशा की तरफ पैर करके नहीं सोना चाहिए, ऐसा करने से बेचैनी, घबराहट और नींद में कमी हो सकती है। शयन कक्ष में मुख्य द्वार की ओर पैर करके नहीं सोएं। पूर्व दिशा में सिर एवं पश्चिम दिशा में पैर कर सोने से आध्यात्मिक भावनाओं में वृद्धि होती है। घर या कमरों में कैक्टस के पौधे या कंटीली झाडिय़ां या कांटों के गुलदस्ते जो की गमलों में साज-सज्जा के लिए सजाते हैं उनसे पूरी तरह बचना चाहिए।

भवन में उत्तर दिशा, ईशान दिशा, पूर्व दिशा, वायव्य दिशा में हल्का सामान रखना शुभ फलदाई होता है। घर में अग्नि से संबंधित उपकरण जहां तक संभव हो दक्षिण-पूर्व दिशा में रखने चाहिए। घर में लगे हुए विद्युत उपकरणों का रख-रखाव उचित ढंग से होना चाहिए, उनमें से किसी भी प्रकार की आवाज या ध्वनि नहीं निकलनी चाहिए। मधुर संबंधों के लिए अतिथियों का स्थान या कक्ष उत्तर या पश्चिम की ओर बनाना चाहिए। आरोग्य के दिशा क्षेत्र उत्तर-उत्तर-पूर्व दिशा में दवाइयां रखने से ये जल्दी असर दिखाती हैं।


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