क्षमा वीरों का आभूषण है : अर्हम माताजी

बांसवाड़ा। बाहुबली कॉलोनी में विराजित आर्यिका रत्न अर्हम माताजी एवं प्रशस्त मति माताजी के सानिध्य में सुबह अभिषेक शांति धारा पूजा की गई। इसके बाद सभी तपस्वियों के सुबह 8 बजे पोसारा मंदिर में लाए।

उसके बाद सभी तपस्वियों का श्री समाज द्वारा उनका स्वागत एवं उनके तप की अनुमोदना की गई। गुरु मां के पाद प्रक्षालन एवं शास्त्र भेंट किया गया। सभी तपस्वियों का सामूहिक पारणा कराया गया।

गुरु मां ने अपने प्रवचन में बताया कि प्रिय आत्म आज क्षमा वाणी पर्व मनाने का हमें सौभाग्य प्राप्त हुआ है। मैं सभी जीव से क्षमा मांगती हूं, सभी जीवों में मैं क्षमा करती हूं, मेरी सभी जीवों से मित्रता है।

मेरा कोई भी शत्रु नहीं, हम जितने शांत और सहज होकर जीवन जीते हैं हमारी क्षमता उतनी ही अधिक बढ़ जाती है। क्रोध हमारे जीवन को ऊंचाइयां नहीं देता बल्कि वह हमें हमारे स्वभाव से भी परिचित करता है। जब हम अपनों से ही दूरी रखेंगे तो हम कैसे कह पाएंगे कि हमारे मन में क्षमा है।

आज के दिन हमें जिन जिन के प्रति हमारे मन में राग द्वेष हैं, उनको मन से क्षमा कर देना, जिससे हमारा मन मलिन नहीं होगा और हमारे मन की कलुषता को धो देगा। अगर मन से वचन से शुद्ध भाव से क्षमा कर दिया तो क्षमा वाणी का दिन हमारे जीवन में हमें ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

बाहुबली कॉलोनी में श्रीजी की शोभायात्रा एवं भक्ति नृत्य करते हुए निकाली गई। जिसमें सभी बालक-बालिकाओं ने जगह जगह गैर डांडिया खेले। यह जानकारी चातुर्मास कमेटी के प्रवक्ता महेंद्र कवालिया ने दी।

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