फ्यूचर कंज्यूमर लिमिटेड एक बार कर्ज के भुगतान में चूकी

नई दिल्ली। वित्तीय संकट का सामना कर रही किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर कंज्यूमर लिमिटेड एक बार कर्ज के भुगतान में चूक गई है। कंपनी नॉन कन्वर्टेबल डिबेंचर्स (एनसीडी) के भुगतान में डिफॉल्ट हुई है। सोमवार को रेगुलेटरी फाइलिंग में कंपनी ने कहा कि वार्षिक आधार पर उसे 20 करोड़ रुपए के प्रिसिंपल अमाउंट और 2.03 करोड़ रुपए की ब्याज का पेमेंट करना था। इस पेमेंट में कंपनी डिफॉल्ट कर गई है।

5 सितंबर को करना था भुगतान

रेगुलेटर फाइलिंग के मुताबिक, कंपनी को यह भुगतान 5 सितंबर 2020 को करना था, लेकिन वह इसके योग्य नहीं है। कंपनी ने इस भुगतान को स्थगित करने के लिए डिबेंचर ट्रस्टी को प्रस्ताव भेजा है। कंपनी ने कहा है कि वह इसमें से 50 फीसदी राशि का भुगतान 30 सितंबर या इससे पहले कर देगी। जबकि अन्य 50 फीसदी राशि का भुगतान 31 दिसंबर 2020 तक कर दिया जाएगा।

9 सितंबर को होगा फैसला

फ्यूचर कंज्यूमर का कहना है कि भुगतान को स्थगित करने के लिए डिबेंचर ट्रस्टीज ने कुछ डिबेंचर धारकों की सहमति मांगी है। इस पर स्पष्टीकरण के लिए ट्रस्टीज ने 9 सितंबर को डिबेंचर धारकों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में ही भुगतान को स्थगित करने का फैसला होगा। कंपनी का कहना है कि इस डिफॉल्ट में निवेशकों की संख्या 95 है।

तीन किस्तों में रिडीम किए जाने थे एनसीडी

कंपनी का कहना है कि 36 महीने की अवधि के रिडीमेबल एनसीडी तीन किस्तों में रिडीम किए जाने थे। एनसीडी को 18, 24 और 36वें महीने में क्रमश: 30-30-40 के अनुपात में रिडीम किया जाना था। मंगलवार को बीएसई में फ्यूचर कंज्यूमर के शेयर 2.03 फीसदी की गिरावट के साथ 10.16 रुपए प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे हैं।

फ्यूचर ग्रुप ने बीते सप्ताह रिलायंस को बेचा रिटेल और होलसेल कारोबार

फ्यूचर कंज्यूमर लिमिटेड, फ्यूचर गु्रप की एफएमसीजी सब्सिडियरी है। फ्यूचर गु्रप ने बीते सप्ताह ही अपना रिटेल और होलसेल कारोबार रिलायंस रिटेल को बेचने का ऐलान किया था। यह सौदा 24,713 करोड़ रुपए में हुआ था। रिलायंस रिटेल ऑयल-टू-कैमिकल कारोबार करने समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की रिटेल सब्सिडियरी है।