सेहत को चुस्त दुरूस्त करती जयपुरी गजक

  • मकर संक्रांत और सर्दी में रहती है विशेष मांग 
  • ऑनलाइन बिक्री से देशभर में पहुंच रही गजक, बढ़ रहा है व्यापार 
  • तिल और गुड़ से बनने वाली गजक बढाती है रोग प्रतिरोधक क्षमता  
  • मिठाई से ज्यादा गजक को मिल रही तरजीह  

कोपल हालन/पिंकी कड़वे/जयपुर

जयपुर अपनी विरासत, परम्परा, रहन-सहन, पयर्टन स्थलों के लिये जितना मशहूर है उतना ही अब सेहत से भरे खान-पान और स्वादिष्ठ व्यंजनों के लिए भी जाना जाने लगा है। ख़ास कर सर्दियों का मौसम आते ही जयपुर के स्वादिष्ट व्यंजनों की मांग जोर पड़कने लग जाती है। वहीं मकर संक्रांति का त्योहार नजदीक आते ही लोगों के हाथों में पतंगें और जूबां पर गजक का स्वाद चढ़ने लगता है। इस समय जयपुरी गजक की खपत अपने शीर्ष पर होती है ।

गुड़ और तिल के महीन मिश्रण से बनी गज़क अन्य दूसरी मिठाइयों से स्वाद में भिन्न तो है ही साथ ही मेवो से सजी ये गजक लोगों को लुभाने का कार्य बखूभी निभा रही है। लोग इस समय इसे मिठाई से ज्यादा तरजीह देने लगते है। कई बुजुर्गो का मानना है कि गजक रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाती है।

शायद यहीं वजह है कि इस कोरोना काल में गजक की बिक्री पिछले सालों की तुलना में तीन गुना तक पहुंच गई है। गजक की ऑनलाइन बिक्री से भी देशभर में इसकी अच्छी मांग और उपलब्धता ने इसके व्यापार को तेजी से बढ़ाया है। जयपुर का जौहरी बाजार, चौड़ा बाजार, चांदी की टकसाल, हल्दियों का रास्ता जैसे बाजार गजक के प्रमुख केंद्र हैं, इसके अलावा जयपुर के हर कोने मे गजक से सजी हुई दुकाने इस समय देखने को मिलती है ।

क्या ख़ास है जयपुर की गजक में

जयपुर में पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही साहू , नारायणजी और ईश्वर जी गजक वाले की देशी घी में बनी गजक जो बिलकुल घरेलू तरीक से बनी होती है लोगों को चखते ही पसंद आ जाती है। मुँह में लेते ही इसका स्वाद जादू की तरह असर करता है। यहां मुख्य रूप सें गुड़ की गजक, तिल पट्टी, तिल गजक, गजक बिस्कूट और सोन गजक की मांग बाजार में ज्यादा है। एक बार जयपुर की गजक जिसने भी खा ली वो चाहे कही भी रहे सर्दियां में इसकी याद जरूर आती है।

कोरोना काल में इम्युनिटी बढ़ाने में सक्षम गजक

ठण्ड से निजात पाने के लिए गजक को औषधि माना जाता है और अगर बात करे इस कोरोना काल की तो गजक को इन परिस्थितियों में असरदार माना गया है। इसका सेवन करने से अर्थराईस जैसी बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है साथ ही गज़क में मौजूद कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ-साथ नई ऊर्जा प्रदान भी करता है। गजक खाने से लीवर स्वस्थ रहता ही है, इसके एंटीऑसिडेंट्स इम्युनिटी सिस्टम को ताकत भी प्रदान करते है। गजक में आयरन की मात्रा भी भरपूर होती है वहीं यह एनीमिया जैसी बीमारी के खतरे को भी टाल सकता है। तिल और गुड़ से बनने वाली गजक रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है जिससे सर्दियों में होने वाली मौसमी बिमारियों से बचा जा सकता है।

ऐसे होती है तैयार

आप को जान के हैरानी होगी कि गजक के मिश्रण मात्र को तैयार करने में ही 8-10 घंटे का समय लगता है। यह चौबीसो घंटे चलने वाला कार्य है जिसमें 20-25 कारीगर अपनी महनत से इसे आकर देने का कार्य करते है। गजक तील और गुड़ का मिश्रण होता है। हर टुकड़े में इसका स्वाद आना चाहिए जिसके लिए इसकी तैयारी पर खासा ध्यान दिया जाता है। तिल को धोकर सुखाया जाता है ताकी इसमें लगी गंदगी साफ हो जाए। इसके पश्चात इसे रोस्ट यानि सेंका जाता है। वही अगर गजक के दूसरे सबसे अहम सामग्री गुड़ की बात करे तो इसे सबसे पहले रात भर भिगों के रखा जाता है ताकी इसमें लगी सारी गंदगी अपने आप धुल जाए। चासनी का रूप ले चुके इस गुड़ को शुद्ध घी की मदद से मिलाकर खीच-खीच कर गाढ़ किया जाता है और इसमें रोस्ट हुए तील को मिलाया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया से गुजरने के बाद इसे किस किस्म के स्वाद में तबदील करना है जैसे काजू, मूगंफली, पिस्ता, गोद, चॉक्लेट, वनिला, उसी वैरायटी के हिसाब से उसका मिश्रण तैयार कर इसे सांचे (थाल) में डाल दिया जाता है। गजक ठंडी होकर थोड़ी ठोस हो जाता है, उसके बाद यह पूरी तरह तैयार हो जाती है।

गजक के व्यापार में जयपुर का वर्चस्व

जयपुर में नारायण गजक, साहू गजक और ईश्वर जी गजक वाले इस कारोबार में वर्षों से जुड़े हुए हैं। गजक के व्यापार में इनकी दुकान हमेशा डिमांड में रहती है। सन् 1953 से शुरु हुआ यह कारोबार आज बड़े स्तर पर फैल चुका है। जयपुर में बनने वाली गजक की मांग पूरे देश में होती है। असम, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा जैसे राज्यों में भी गजक की काफी डिमांड है, यहां जयपुर से भेजी जाती है। कई व्यापारी कच्चे माल के लिए यूपी से तिल और गुजरात से गुड़ की खरीद करते है । पिछले कई वर्षों से संयुक्त अरब अमीरात व अमरीका के कई देशों तक जयपुर की गजक सप्लाई की जा रही है। इस सूची में अब कनाडा व इंग्लैंड भी शामिल हो गए हैं। जयपुर से तिल व मूंगफली के व्यंजन मुम्बई, कोलकाता, बेंगलूरू, अहमदाबाद समेत देश के प्रमुख शहरों में पहले से ही जा रहे हैं।

ऑनलाइन बिक्री से हो रहा है ज्यादा मुनाफा: साहू गजक

साहू गजक के रामअवतार साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि देश भर में जयपुर की गजक की अच्छी मांग और यहाँ की गजक की जबरदस्त क्वालिटी को ऑनलाइन बिक्री के माद्यम से देश के हर कोने में पहुंचा दिया है। पूरे देश का टारगेट रखते हुए मार्केट को नार्थ से साऊथ तक जोड़ने का काम हमने एमेज़न से पूरा किया है। 90% तक का व्यापार इसी के माध्यम से मुमकिन हो पाया है जिससे इस बार तीन गुना ज्यादा मुनाफ़े होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

गजक की कई नई वैरायटी ने बढ़ाया मान : नारायण गजक

जयपुर के नारायण गजक के राजेंद्र मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि गजक के पारम्परिक स्वाद के साथ साथ उन्होंने गजक की कई नई वैरायटी भी बनानी शुरू की है। जिससे हमे एक अलग पहचान मिली है। हमारे यहां 60-70 प्रकार की गजक की वैरायटी उपलब्ध है। इसमें मुख्य रूप से गुड़ तिल गजक, तिल रेवड़ी, खस गजक, सन रोल गजक, पिस्ता तिल सकरी, गुड़ मलाई गजक, सोन गजक, गजक समोसा, गजक कचौड़ी, चॉक्लेट गजक, पाइनेपल गजक, वनिला गजक, काजू गजक, इलाईची चिक्की जैसी वैराईटी है। 400 रूपये से लेकर 900 रूपये प्रति किलो की गजक हम बनाते है।

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