राजस्थान में एससी-एसटी के विकास के लिए गहलोत सरकार जल्द बनायेगी कानून

अगले विधानसभा सत्र में इस पर बिल लाने की तैयारी है

जयपुर। प्रदेश की कांग्रेस सरकार अब अनुसूचित जाति और जनजाति के विकास से जुड़ी योजनाओं को कानून बनाकर उसे लागू करने की गारंटी देगी। एससी-एसटी के विकास से जुड़ी योजनाओं के निर्माण, बजट आवंटन और योजनाओं पर खर्च से लेकर उनका लाभ वास्तविक रूप से धरातल पर पहुंचे यह सुनिश्चित करने के लिए कानून लाया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 19 जून को ही एससी-एसटी के विकास की योजना के निर्माण, आवंटन और खर्च को प्रभावी बनाने के लिए कानून बनाने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद सरकारी विभागों ने इस पर काम शुरू कर दिया है। अगले विधानसभा सत्र में इस पर बिल लाने की तैयारी है।

मनरेगा की तर्ज पर बनाया जायेगा कानून

मनरेगा की तर्ज पर एससी-एसटी के विकास का कानून बनाया जाएगा। कानून बन जाने से एससी-एसटी के विकास की योजनाओं को धरातल पर लागू करने के लिए अफसर और नीचे की प्रशासनिक मशीनरी बाध्य हो जाएगी। इससे एक तरह का दबाव भी रहेगा। हर स्तर पर सरकारी मशीनरी की जवाबदेही तय होगी।

गहलोत सरकार ने शुरू किया था यह सिस्टम

एससी-एसटी के विकास के लिए अभी कई तरह की योजनाएं चल रही हैं. हर विभाग में एससी सब प्लान और टीएसपी सब प्लान के लिए अलग से बजट का प्रावधान होता है। गहलोत सरकार ने ही हर विभाग में एससी सब प्लान और टीएसपी सब प्लान का बजट अलग से रखने का प्रावधान शुरू किया था. अब इस पर कानून बनाने की तैयारी है।

32 फीसदी जनंसख्या पर फोकस

2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में अनुसूचित जाति की जनसंख्या 17.83 फीसदी और अनुसूचित जनजाति 13.48 फीसदी है. एक मोटे अनुमान के मुताबिक दोनों को मिलाकर 32 फीसदी से ज्यादा जनसंख्या होती है. राज्य के बजट में अनुसूचित जाति उपयोजना और जनजाति उपयोजना के तहत इनकी जनसंख्या के अनुपात में अलग से बजट हेड बनाया हुआ है. बजट में एससी उप योजना के लिए मांग संख्या- 51 और एसटी उपयोजना के लिए मांग संख्या- 30 बनाई हुई है. इनके तहत इन वर्गों के लिए विकास योजनाएं संचालित होती हैं।

अगले विधानसभा सत्र में बिल लाने की है तैयारी

एससी-एसटी के विकास की योजनाओं के निर्माण से लेकर उन्हें धरातल पर लागू करने की गारंटी देने का कानून लाने की मुख्यमंत्री घोषणा कर चुके हैं. सीएम की घोषणा के बाद अगले विधानसभा सत्र में इस पर बिल लाने की तैयारी है. बिल के ड्राफ्ट पर काम शुरू होने वाला है. फिलहाल संबंधित विभागों ने बिल के ड्राफ्ट पर चर्चा शुरू की है. आने वाले दिनों में इस पर बैठकों और विचार विमर्श का दौर शुरू होगा।

एससी-एसटी वोट बैंक पर पकड़ बनाने की कवायद

प्रदेश में एससी-एसटी की जनसंख्या 32 फीसदी से पार हो चुकी है. ये दोनों वर्ग कांग्रेस के परंपरागत वोटर रहे हैं. लेकिन इस वोट बैंक में अब सेंध लग चुकी है. एससी-एसटी के विकास से जुड़ी योजनाओं की गारंटी देने का कानून इस बड़े वोट बैंक को कांग्रेस के पक्ष में मजबूती से जोडऩे की कवायद माना जा रहा है. राजनीतिक क्षेत्र में इस प्रस्तावित कानून की अभी से चर्चा शुरू हो गई है।