मध्प्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच राज्यपाल ने 16 कांग्रेसी बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं। इन विधायकों ने काफी पहले ही स्पीकर को अपना इस्तीफा भेजा था. लेकिन स्पीकर के पास इनका इस्तीफा लंबित था।
राज्यपाल ने 16 कांग्रेसी बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए
उधर, मध्य प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश देते हुए मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र फिर से बलाए जाने और आज शाम 5 बजे तक बहुमत सिद्ध करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने सदन की कार्यवाही का वीडियोग्राफी कराने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 16 विधायकों पर विधानसभा में आने का कोई दबाव नहीं होग।
अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि विधानसभा की कार्यवाही लाइव प्रसारण किया जाएगा। अदालत ने कहा कि विधानसभा सत्र का एक मात्र एजेंडा फ्लोर टेस्ट करवाना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कमल नाथ सरकार को शुक्रवार को विधानसभा में बहुमत साबित करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि बहुमत परीक्षण का काम शुक्रवार शाम पांच बजे तक पूरा हो जाना चाहिए।
अगर कांग्रेस के 16 बागी विधायकों में से कोई भी सदन की कार्यवाही में भाग लेने के लिए जाना चाहेगा तो उसे पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।
कांग्रेस विधायकों की बगावत के मद्देनजर कमल नाथ सरकार के बहुमत परीक्षण में कामयाब होने की उम्मीद अब कम ही बची है। इस बीच देर रात विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने 16 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं।
मध्य प्रदेश के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री कमल नाथ को 16 मार्च को बहुमत साबित करने को कहा था। 16 मार्च को विधानसभा की बैठक हुई और बाद में कोरोना के खतरे को देखते हुए विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुआई में दस भाजपा विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर 12 घंटे के भीतर बहुमत परीक्षण का आदेश देने की मांग की थी।
इसके अलावा कांग्रेस के 16 बागी विधायकों ने भी याचिका दाखिल कर स्पीकर को उनका इस्तीफा स्वीकार करने का आदेश देने की मांग की थी।