गुजरात: आयुर्वेद के प्रति विश्वास बढ़ा, 213 में से 203 मरीज सात दिन में आये नेगेटिव

गुजरात स्वास्थ्य प्रमुख सचिव, जयन्ती रवि, गुजरात,Gujarat Health Principal Secretary, Jayanti Ravi, Gujara
गुजरात स्वास्थ्य प्रमुख सचिव, जयन्ती रवि, गुजरात,Gujarat Health Principal Secretary, Jayanti Ravi, Gujara

गुजरात ने कोरोना से लड़ने के लिए आयुर्वेद का रास्ता अपनाया है। आयुर्वेद की औषधियों को कोरोना से बचाव और उसके उपचार के लिये अनुसंधान हो रहा है, आयुष को महत्व दिया गया है

  • प्रदेश के आठ सिविल अस्पतालों में क्लीनिकल ट्रायल के लिये 51 वैद्यों की विशेष नियुक्ति

अहमदाबाद, (विशेष प्रतिनिधि)। कोरोना महामारी की अभी पूरे विश्व में कोई वै सीन या दवा अभी नहीं है किन्तु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जिस प्रकार आयुष को महत्व दिया गया है और विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद की औषधियों को कोरोना से बचाव और उसके उपचार के लिये अनुसंधान हो रहा है, उससे विश्वास जगा है कि भारत इसमें शीघ्र सफलता प्राप्त कर लेगा ।

गुजरात ने कोरोना से लड़ने के लिए आयुर्वेद का रास्ता अपनाया है।

आयुष मंत्रालय ने क्लीनिकल ट्रायल आदि के लिये एक माह पूर्व 21 अप्रैल को ही अधिसूचना जारी कर दी थी । सीएसआईआर ने क्लीनिकल ट्रायल के लिये जिन सात दवाओं को स्वीकृति दी है, उनमें तीन एलोपैथी व चार आयुर्वेद औषधियां है। सभी का मानना है और यहां तक कि ड ल्यूएचओ ने भी कहा है कि एलोपेथी के साइड इफेक्ट हैं जबकि आयुर्वेद औषध में साइड इफेक्ट नही होता है। प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात ने जो कोरोना से सर्वाधिक पीडि़त प्रदेश भी है, ने जोर शोर से आयुर्वेद का रास्ता अपनाया है।

गुजरात ने जो कोरोना से सर्वाधिक पीडि़त प्रदेश भी है, ने जोर शोर से आयुर्वेद का रास्ता अपनाया है।

जहां एक ओर सवा करोड़ से अधिक जनता को आयुर्वेद काढ़ा दिया गया है वहीं गुजरात के कई सिविल अस्पताल जहां कोरोना मरीज उपचार ले रहे हैं, वहां मरीजों की स्वीकृति से आयुर्वेद व होमियोपैथी उपचार व क्लीनिकल ट्रायल की खुली छूट दे दी है। गत सप्ताह प्रदेश की प्रमुख स्वास्थ्य सचिव जयन्ती रवि ने एक टीवी साक्षात्कार में बताया कि समरस हॉस्टल में 213 कोरोना मरीजों को आयुर्वेद औषध देने के 7 दिन में 203 मरीज नेगेटीव आ गये । इसी प्रकार 7 हजार से अधिक क्वारेन्टाइन लोगों को आयुर्वेद औषध देने के बाद मात्र 21 पॉजिटिव मिले।

इन सब परिणामों के मद्देनजर गुजरात सरकार ने 17 मई को एक आदेश जारी कर प्रदेश के 8 प्रमुख कोविड सिविल अस्पतालों में 51 वैद्यों की चौबीसों घन्टे ड्यूटी आयुर्वेद औषध के साथ लगाई है । इनमें अहमदाबाद के 12सौ बैड के अस्पताल सहित 3 सिविल अस्पताल तथा वड़ोदरा, गाँधीनगर, सूरत, भावनगर, राजकोट के सिविल अस्पताल शामिल है।

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सिविल कोविड अस्पताल व एसवीपी अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों में से 766 ने आयुर्वेद व 320 ने होमियोपैथी दवा से अपने उपचार की 5 दिन में स्वीकृति प्रदान की । मरीजों और डॉक्टरों में आयुर्वेद के चमत्कारिक लाभ के कारण इसके प्रति विश्वास बढा है ।