विश्वविद्यालय परीक्षाओं के आयोजन में हैल्थ प्रोटोकॉल को सुनिश्चित किया जाए

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जयपुर । राज्य के राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं कुलसचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी ने उच्च शिक्षा संबंधी विभिन्न विषयों जैसे स्थगित परीक्षाओं के आयोजन, मूल्यांकन कार्य सम्पन्न करवाकर परीक्षा परिणाम जारी करने , आगामी सत्र को आरम्भ करने, नवीन शिक्षण प्रविधि अपनाने, कैंपस सेनिटाइजेशन, हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना आदि पर चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने परीक्षा केंद्रों पर प्रशासन, पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से थर्मल स्क्रीनिंग, सोशल डिस्टेन्सिंग, मास्क लगाने, स्वास्थ्यकर्मी की उपलब्धता करवाने की हिदायत भी दी ।

भंवर सिंह भाटी ने आह्वान किया कि वर्तमान परिस्थितियों में शिक्षक व विश्वविद्यालय मिलकर समाज के पथ प्रदर्शक की भूमिका निभाएंगे

इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने आह्वान किया कि वर्तमान परिस्थितियों में शिक्षक व विश्वविद्यालय मिलकर समाज के पथ प्रदर्शक की भूमिका निभाएंगे। उन्हें आज मानव कल्याण के लिए शोध और अनुसंधान करने की आवश्यकता है।

इस मौके पर भाटी ने बताया कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार सभी तबकों के हित में दिन- रात कार्य कर रही है तथा वर्तमान स्थिती में राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता विद्यार्थियों का स्वास्थ्य और उनका भविष्य है । राज्य सरकार कोरोना की परिस्थितियों पर पूर्ण नजर रखे हुए है और उसी के मुताबिक आगामी परीक्षा कार्यक्रम बनाया जा रहा है।

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इसके तहत मध्य जुलाई से पहले स्नातक और स्नातकोत्तर अन्तिम वर्ष की छोटी परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा । स्नातक प्रथम वर्ष और स्नातकोत्तर पूर्वार्द्ध में प्रवेश क्रमशः बोर्ड परीक्षाओं और स्नातक अन्तिम कक्षाओं के परिणाम घोषित होने के बाद किये जायेगे, जबकि स्नातक द्वितीय और तृतीय वर्ष व स्नातकोत्तर उत्तरार्द्ध में प्रोविजनल प्रवेश देकर ऑनलाईन, यूट्यूब चैनल व सोशल मीडिया ग्रुप के माध्यम से शिक्षण कार्य करवाया जाएगा । आगामी सत्र में होने वाले अवकाशों की अवधि में कमी करके शैक्षणिक दिवसों का पूरा ध्यान रखा जाएगा ।

इस अवसर पर विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए परीक्षा केंद्रो की संख्या में वृद्धि करने, विद्यार्थियों, कर्मचारियों एवं शिक्षकों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक कदम उठाने, पाठ्यक्रम को ऑनलाईन अध्यापन के माध्यम से पूर्ण करवाये जाने की जानकारी दी ।

उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों को परीक्षा आयोजन को देखते हुए जिला कलेक्टर्स को अन्य ड्यूटी से मुक्त करने के लिए उच्च शिक्षा द्वारा विभाग पत्र लिखे जाने की मांग की गई ।