
धौलपुर। रालसा जयपुर के निर्देशानुसार 8 नवम्बर से 14 नवम्बर तक विधिक सेवा सप्ताह मनाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मीना अवस्थी द्वारा एएनएम प्रशिक्षण केन्द्र, सामान्य चिकित्सालय धौलपुर में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान सचिव मीना अवस्थी ने बताया गया कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं का स्थान आदि काल से ही महत्वपूर्ण रहा है। परिवार के संचालन में एवं देश के विकास में भी महिलाओं का योगदान हमेशा रहा है। नारी प्रेम, समर्पण एवं त्याग का प्रतीक है। परंतु वर्तमान में महिलाओं को पुरूषों के समान अधिकार होने पर भी परिवार एवं समाज में महिलाएं उपेक्षित एवं शोषित हैं। इसके लिए आवश्यकता है कि उन्हें संवैधानिक अधिकारों की पूर्ण जानकारी हो।
महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए। महिलाएं वर्तमान समय में अपने परिवार की समृद्धि के लिए पुरूषों के साथ कदम मिलाकर चल रही है। हमें नारी का सम्मान करना चाहिए और देश के विकास में नारी के योगदान को समझना चाहिए। अवस्थी द्वारा भरण पोषण का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, सम्पत्ति का अधिकार, निशुल्क विधिक सहायता, राजस्थान पीडित प्रतिकर स्कीम, पीसीपीएनडीटी एक्ट, प्रसूति सुविधा अधिनियम, समान पारिश्रमिक अधिनियम, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, अनैतिक व्यापार रोकथाम अधिनियम, घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम इत्यादि के बारे में जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम के दौरान प्राधिकरण के पैनल अधिवक्ता वीरेंद्र उपाध्याय द्वारा लोक अदालत के लाभ, मध्यस्थता के लाभ, दहेज प्रतिषेध अधिनियम, पोक्सो एक्ट, कार्य स्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीडन, बाल श्रम अधिनियम एवं रालसा/नालसा की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के संबंध में जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम के दौरान जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शिवकुमार शर्मा, एएनएम प्रशिक्षण केन्द्र की प्रधानाचार्या सुनीता सिंघल, नर्सिंग प्रशिक्षक नीलम सिंह, पंकज मुदगल ने भी अपने विचार व्यक्त कर जानकारी प्रदान की।
यह भी पढ़ें-बाल दिवस पर बच्चों को मिलेगी निशुल्क उपचार की सौगात : मीना