नई दिल्ली
निर्भया के चार दोषियों में से एक पवन कुमार गुप्ता ने सात साल बाद दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर यह दावा किया है कि वह 2012 में नाबालिग था। उसकी इस याचिका पर सुनवाई करने से दिल्ली हाईकोर्ट ने मना कर दिया है। इसके साथ ही न्यायाधीश सुरेश कुमार ने पवन कुमार के वकील एपी सिंह पर कोर्ट का समय बर्बाद करने के लिए 25000 का जुर्माना भी लगाया है। फांसी को लेकर चल रहे इस खेल पर नाराजगी जताते हुए वार काउंसिल से वकील के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है। निर्भया की मां आशा देवी ने दोषी पवन गुप्ता की याचिका खारिज होने के बाद कहा है कि मैं इस फैसले का स्वागत करती हूं। ऐसे लोगों को सबक सिखाने की बहुत जरूरत है। मैं बहुत खुश हूं। अदालत के इस फैसले के बाद माना जा रहा है कि निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा जल्द मिल सकेगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में निर्भया के दोषी अक्षय कुमार की पुनर्विचार याचिका ठुकराए जाने के बाद अब दोषियों के डेथ वारंट पर पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनवाई टाल दी थी। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 7 जनवरी रखी है। अदालत के इस फैसले से निर्भया के दोषियों को इस साल फांसी होना मुश्किल है। अदालत ने डेथ वारंट पर सुनवाई टालते हुए कहा कि दया याचिका के लिए दोषियों को नोटिस दिया जाए। इसके खारिज होने के बाद ही डेथ वारंट जारी होगा।