राजस्थान मेें ह्यूंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन ने शुरू की मोबाइल मेडिकल यूनिट

  • मोबाइल चिकित्सा को रोजाना दो गांवों में भेजा जाएगा, राजस्थान में कुल 25000 लोगों तक पहुंचने का है लक्ष्य
  • पहले चरण में एचएमआईएफ की पहली मोबाइल मेडिकल यूनिट से राजस्थान के अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ ब्लॉक के 16 गांव होंगे प्रभावित

नई दिल्ली। ह्यूंडई मोटर इंडिया की सामाजिक कार्य इकाई ह्यूंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन ने आज भारत के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए अपने जन स्वास्थ्य कार्यक्रम स्पर्श संजीवनी के तहत अपनी पहली मोबाइल चिकित्सा यूनिट की शुरुआत की है। मोबाइल चिकित्सा एक चलता फिरता प्राथमिक स्वास्थ्य क्लीनिक है, जिसमें डॉक्टर की मौजूदगी के साथ-साथ तत्काल जांच के लिए जरूरी उपकरण व सुविधाएं भी हैं। आज ह्यूंडई मोटर इंडिया लिमिटेड के एमडी व सीईओ श्री एस.एस. किम और एचएमआईएफ के वरिष्ठ सीएसआर अधिकारियों की उपस्थिति में राजस्थान के अलवर जिले की लक्ष्मणगढ़ तहसील में मोबाइल चिकित्सा यूनिट को हरी झंडी दिखाई गई।

मोबाइल चिकित्सा की शुरुआत के मौके पर ह्यूंडई मोटर इंडिया लिमिटेड के एमडी व सीईओ श्री एस.एस. किम ने कहा, ह्यूंडई का ग्लोबल विजन प्रोग्रेस फॉर ह्यूमैनिटी दुनियाभर में लोगों के जीवन में टिकाऊ बदलाव लाने के हमारे लक्ष्य का प्रतीक है। हमारी जन स्वास्थ्य पहल स्पर्श संजीवनी के तहत मोबाइल चिकित्सा से ग्रामीण भारत के सबसे जरूरतमंद समुदाय तक स्वास्थ्य सेवा की पहुंच सुनिश्चित होगी। हम जन स्वास्थ्य सुविधा में बदलाव की दिशा में भारत सरकार की विभिन्न पहल को मजबूत करने और सभी के लिए स्वास्थ्य एवं कल्याण सुनिश्चित करने की उम्मीद करते हैं। भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना के अनुरूप मोबाइल चिकित्सा 25,000 लोगों को स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराएगी और जरूरत पड़ी तो हम अतिरिक्त समुदायों की सेवा में भी सक्षम हैं। इस मोबाइल यूनिट में एक एमबीबीएस डॉक्टर से निशुल्क परामर्श तथा साथ चल रही फार्मेसी से मुफ्त दवा मिलेगी। मोबाइल चिकित्सा यूनिट में ब्लड शुगर, बीपी, मलेरिया, डेंगू आदि की तत्काल जांच की सुविधा उपलब्ध रहेगी। इस दौरान किसी तरह का टीका नहीं लगाया जाएगा। इस यूनिट के जरिये विभिन्न बीमारियों के प्रति जागरूकता फैलाने और उनसे बचाव के उपाय भी बताए जाएंगे।

मोबाइल चिकित्सा यूनिट के जरिये तय रोस्टर के हिसाब से रोजाना दो गांवों में करीब 100 मरीजों को देखा जाएगा। मरीजों को अपनी केस हिस्ट्री का रिकॉर्ड रखने के लिए हेल्थ कार्ड दिया जाएगा और गंभीर बीमारी से पीडि़त लोगों को नजदीकी सरकार या निजी अस्पताल में रेफर किया जाएगा। मोबाइल चिकित्सा को ऐसे क्षेत्रों में पहुंचाया जाएगाए जहां चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है। यह वैन लिली, रायपुर जाट, जावली, टोडा, हसनपुर, मंदजोरी, तिलकपुर, उच्छर, नारनोल, गोर पहाड़ी, दीवली, मंजप्ता, सेमला, बेरला बास, कजोटा और कनवारा गांव जाएगी।

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फरवरी, 2018 में भारत सरकार ने मौजूदा उपकेंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को उन्नत कर 1,50,000 हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) तैयार करने के लिए आयुष्मान भारत योजना शुरू की थी। स्वास्थ्य सेवाओं को लोगों के घरों तक पहुंचाते हुए इन सेंटर के माध्यम से कंप्रेहेंसिव प्राइमरी हेल्थ केयर (सीपीएचसी) सुनिश्चित की जाएगी। इनमें मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवा, गैर संक्रामक बीमारियों के इलाज की व्यवस्था कि साथ-साथ दवाओं एवं जांच की सुविधा भी उपलब्ध होती है। इस पहल को चरणबद्ध तरीके से राज्य के अन्य हिस्सों और फिर पूरे देश में विस्तार दिया जाएगा।