धोनी की तरह रिजल्ट के बारे में नहीं सोचता: भुवनेश्वर कुमार

Bhuvneshwar Kumar
Bhuvneshwar Kumar

भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने कहा कि आईपीएल टीम सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेलना उनके करियर का टर्निंग प्वॉइंट रहा क्योंकि इसी दौरान उन्होंने अंतिम ओवरों में गेंदबाजी के दबाव से निपटना सीखा। इस दौरान उन्होंने बताया कि वो भी महेंद्र सिंह धोनी की तरह रिजल्ट के बारे में नहीं सोचते हैं। भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण इस समय दुनिया के बेस्ट पेस अटैक में से है और भुवनेश्वर इसके अहम गेंदबाज हैं जिसमें जसप्रीत बुमराह, मोह मद शमी, इशांत शर्मा और उमेश यादव शामिल हैं।

भुवनेश्वर ने कहा कि उनमें हमेशा से यॉर्कर गेंद फेंकने की काबिलियत थी लेकिन 2014 में सनराइजर्स टीम से जुडऩे के बाद उन्होंने अहम पलों में इसे फेंकने का हुनर सीखा। भुवनेश्वर ने दीप दास गुप्ता ने क्रिकेटबाजी शो में कहा, मैं यॉर्कर डाल सकता था, लेकिन फिर मैं इसे भूल गया।

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सनराइजर्स हैदराबाद में वे मुझसे पारी के शुरू में और अंत में गेंदबाजी कराना चाहते थे। 2014 में मैंने 14 मैच खेले, मैंने इस दौरान दबाव से निपटना सीखा और यह टर्निंग प्वॉइंट रहा। उन्होंने कहा, मैंने नई चीजें सीखीं, खासकर अंतिम ओवरों में दबाव से निपटना सीखा (सनराइजर्स के लिए खेलते हुए)।

भुवनेश्वर कुमार ने कहा कि उनमें हमेशा से यॉर्कर गेंद फेंकने की काबिलियत थी

वनडे में 132 और टेस्ट में 63 विकेट चटकाने वाले भुवनेश्वर ने कहा कि जब वो खुद को मैचों में नतीजों के बारे में सोचने से दूर रखते हैं तो वो हमेशा सफल रहते हैं जैसे कि पूर्व भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी।

उन्होंने कहा, एम एस धोनी की तरह, मैं खुद को नतीजे के बारे में सोचने से दूर रखने की कोशिश करता हूं और छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान देता हूं। इससे अपनी इच्छानुसार नतीजा हासिल करने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा, आईपीएल के दौरान जब मेरे कुछ सीजन अच्छे रहे तो मैं इसी दौर में था।

भुवनेश्वर कुमार ने कहा 2014 में सनराइजर्स टीम से जुडऩे के बाद उन्होंने अहम पलों में इसे फेंकने का हुनर सीखा

मैं अपने प्रोसेस के बारे में इतना ध्यान लगाता था कि नतीजा हमेशा दूसरा स्थान ले लेता था और फिर रिजल्ट पॉजिटिव ही आता था। कोविड-19 महामारी के कारण खेल से दूर रखकर कैसे प्रेरित कर रहे हैं तो भुवनेश्वर ने कहा कि यह आसान नहीं है। उन्होंने कहा, मैं लॉकडाउन के पहले 15 दिन काफी प्रेरित था। कोई भी नहीं जानता था कि यह कितने दिन रहेगा और मेरे पास घर में भी ऐक्सरसाइज के लिए उपकरण नहीं थे।

हमने सोचा कि चीजें दो महीनों में बेहतर हो जाएंगी। भुवनेश्वर ने कहा, लेकिन 15 दिन बाद मुझे खुद को प्रेरित करने में मुश्किल आने लगी। फिर मैंने घर पर ही उपकरण मंगवा लिए और तब से चीजें थोड़ी सुधर गई हैं। मैं इस लॉकडाउन के से खुद को और बेहतर करके वापस आना चाहता हूं। मैदानी प्रदर्शन अलग बात है, लेकिन मैं अपनी फिटनेस पर काम कर सकता हूं।