
बारां जिले में कलेक्टर रहते हुए पीए महावीर प्रसाद नागर के मार्फत 1.40 लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में 23 दिसंबर को गिरफ्तार हुए आईएएस इंद्रसिंह राव की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। बुधवार को राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच में इंद्रसिंह राव की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जमानत याचिका को खारिज कर दिया। यह फैसला जस्टिस पंकज भंडारी ने सुनाया।
राव ने एसीबी द्वारा प्रकरण में आरोप पत्र पेश होने के आधार पर जमानत मांगी थी। गिरफ्तारी के बाद से इंद्रसिंह राव निलंबित चल रहे है। वे कोटा जेल में न्यायिक अभिरक्षा में है। रिश्वत मामले में कोटा की जेल में बंद आईएएस इंद्रसिंह राव और उनके पीए महावीर प्रसाद नागर के खिलाफ एसीबी कोटा ने 5 फरवरी को कोर्ट में चालान पेश कर दिया था। 565 पन्नों के इस चालान में रिश्वतखोरी के सबूत के साथ अफसर घूस कैसे लेता था? इसके बारे में जानकारी दी। एसीबी ने इस मामले में 19 लोगों को गवाह बनाया है।

वहीं 23 दिन पहले राज्य सरकार ने आईएएस राव की निलंबन अवधि 120 दिन यानी 4 महीने और बढ़ा दी थी। राज्य सरकार के कार्मिक विभाग ने इंद्रसिंह राव की गिरफ्तारी के बाद 4 जनवरी को निलंबित करने के आदेश जारी किए थे। जिसमें यह निलंबन 23 दिसंबर से होने का हवाला भी दिया गया था।
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