सिंधु महल स्थित माता वैष्णो मंदिर में सुहागिन महिलाओं ने श्रृंगार कर व हाथों में मेहंदी रचाकर किए माता के दर्शन

चौपासनी हाउसिंग बोर्ड सिंधु महल स्थित माता वैष्णो मंदिर में सुहागिन महिलाओं ने श्रृंगार कर व हाथों में मेहंदी रचाकर किए माता के दर्शन। यह मानना है कि हरियाली तीज की तरह ही कजरी तीज का व्रत हिंदू धर्म की सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है.

हिंदी पंचांग के अनुसार, कजरी तीज का पर्व हर साल भाद्रमास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और संतान सुख की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं।

कजरी तीज व्रत का पारण चंद्रमा के दर्शन करने और उन्हें अर्घ्य देने के बाद में व्रत पूर्ण कर भोजन करती है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं। इससे माता पार्वती और भगवान शिव प्रसन्न होकर मनवांछित फल देते है। कजरी तीज को कजली तीज, बूढ़ी तीज, सातूड़ा तीज आदि नामों से भी पुकारा जाता है।

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