
उदयपुर। शहर की संस्थाओं और संगठनों ने विभिन्न कार्यक्रमों के साथ शुक्रवार को संविधान दिवस मनाया। इसके तहत राजकीय महाराणा आचार्य संस्कृत महाविद्यालय में छात्रों को संविधान में निहित मौलिक कर्तव्यों की जानकारी दी। मीरा कन्या महाविद्यालय में निबंध प्रतियोगिता हुई। मात्स्यकी महाविद्यालय में अधिष्ठाता डॉ. बीके शर्मा ने संकाय सदस्यों, कर्मचारियों व छात्र-छात्राओं को संविधान में दिए गए मौलिक कर्तव्यों की शपथ दिलवाई। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन स्थित संविधान पार्क में छात्र कल्याण निदेशालय के सानिध्य में संविधान दिवस मनाया गया।
मुख्य अतिथि कुलपति डॉ. नरेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि सार्वभौमिक दृष्टिकोण से निर्मित हमारे देश का संविधान इतना महत्वपूर्ण है कि इसमें व्यक्ति ही नहीं अपितु पश, पक्षी, वन्यजीव, प्रकृति, पहाड़, जल, नदी आदि के साथ-साथ महिलाओं के प्रति निष्ठा की भावना की बात कही गई है। वहीं, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा ने संविधान गौरव यात्रा निकाली, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में मुख्यालय और तालुकाओं पर लीगल लिटरेसी क्लब ने विद्यालयों में शपथ कार्यक्रम किए।

भारतीय संविधान के सांकेतिक चित्र और उनका महत्व बताया
दंतोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड भारत सरकार श्रम एवं रोजगार मंत्रालय एवं राष्ट्रीय घरेलू कामकाजी महिला यूनियन के तत्वावधान में उदयपुर के बेदला गांव पंचायत में दो दिवसीय राष्ट्रीय घरेलू महिला श्रमिक जागरूकता शिविर हुआ। पुनीत गौतम ने महिलाओं को भारतीय संविधान के बारे में जानकारी देकर संविधान की शपथ दिलवाई। राष्ट्रीय महिला जागृति मंच ह्यूमन राइट्स सेल के कार्यक्रम में मुख्य वक्ता दिल्ली हाईकोर्ट से रिधिमा गौड़ ने भारतीय संविधान के सांकेतिक चित्र और उनका महत्व बताया।
डॉ. अंबेडकर जयंती समारोह समिति के अध्यक्ष इंजी. शैलेंद्र चौहान के नेतृत्व में विचार रखे। बहुजन संगठनों ने संविधान दिवस पर डॉ. अम्बेडकर सर्कल पर विचार गोष्ठी की। प्रदेश प्रभारी तेनगुरिया ने बताया कि बसपा का 6 दिसंबर को जयपुर के बिरला सभागार में कार्यकर्ता सम्मेलन होने जा रहा है।
डोडावली में प्रशासन गांव के संग शिविर में अधिकारियों और ग्रामीणों ने संविधान की प्रस्तावना को पढ़ते हुए शपथ ली। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सदस्य डॉ. विवेक कटारा ने कहा कि आज के दिन को संविधान दिवस के रूप में मानने का एक मात्र बड़ा कारण युवाओं के बीच में संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देना है।