इजरायल की इस महिला सैनिक का गुजरात से हे करीबी रिश्ता, हमास के खिलाफ लड़ रही है युद्ध

इजरायली सेना ओर फलस्तीन के चरमंथी गुट हमास के बीच जारी जंग में गुजराती मूल की नित्शा मुलियाशा भी बड़ी भूमिका निभा रही हैं। इजरायल ने जो टीम बनाई गई थी उसमें भारतीय मूल की एक लड़की 20 साल की नित्शा मुलियाशा भी शामिल है।

अंग्रेजी अखबार के मुताबिक मुलियाशा का परिवार तेल अवीव में बसा है। ये गुजरात के राजकोटके पास एक छोटे से गांव कोठाडी के रहने वाले हैं। मुलियाशा गुजरात की पहली लड़की है जिसे इजरायल की सेना में शामिल किया गया है। इजरायल में कुल 45 गुजराती परिवार हैं, जिनमें से अधिकांश हीरा कंपनियों में काम करते हैं।

नित्शा के पिता ज़ीवाभाई मुलियाशा ने बताया कि इजरायल की शिक्षा व्यवस्था बच्चों में लीडरशिप की क्वालिटी तैयार करती है। उनके पिता ने कहा कि इज़राइल में, 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों के लिए सैन्य सेवा में भर्ती अनिवार्य है। निशा को दो साल पहले आईडीएफ ने लिया था। उन्होंने कहा, ‘वो पिछले दो वर्षों में लेबनान, सीरिया, जॉर्डन और मिस्र की सीमा पर तैनात हैं। फिलहाल वो गश डैन में तैनात है यही से इजरायली सेनाएं गाजा में हमास पर हमले कर रही है।

इजरायल और फलस्तीन के बीच पिछले महीने 11 दिनों की घातक लड़ाई खत्म होने के बाद एक बार फिर दोनों के बीच संघर्ष शुरू हो गया है। फलीस्तीनी एन्क्लेव से आग लगाने वाले गुब्बारे दागे जाने के बाद बुधवार और गुरुवार को इजरायली वायुसेना के विमानों ने गाजा में फलस्‍तीनी उग्रवादी गुट हमास के ठिकानों पर जोरदार हमला किया।

इस भीषण हमले में गुजराती मूल की 20 वर्षीय नित्शा मुलियाशा, इजरायल डिफेंस फोर्सेज टीम (IDF) का हिस्सा थीं। नित्सा मुलियाशा मूल रूप से राजकोट के मनावदार तालुका के एक गांव कोठाडी की रहने वाली हैं। अब तेल अवीव में बसीं नित्सा इस्राइल की सेना में भर्ती होने वाली पहली गुजराती लड़की हैं।