
किसी भी व्यक्ति के जीवन में वास्तु शास्त्र का काफी महत्व होता है और मान्यता है कि वास्तु के अनुसार घर में सामान रखने से सकारात्मकता आती है। अगर घर का माहौल सकारात्मक होता है तो हर काम में सफलता मिलती है। घर के सामान के साथ ही पायदान यानि डोरमैट को भी वास्तु के अनुसार रखना चाहिए। डोरमैट में आपके घर की सुख-समृद्धि छिपी हुई है, इसलिए डोरमैट रखने से पहले वास्तु के मुताबिक उसकी सही जगह के बारे में जान लें। पायदान को वास्तु के अनुसार रखने से घर और जीवन में पॉजीटिव एनर्जी आ सकती है।
किन बातों का रखें ध्यान

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का मुख्य द्वार बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इसी के द्वारा घर में सकारात्मक या नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। प्रवेशद्वार के दोष मुक्त होने से घर में सुख-समृद्धि आती है। इसी दृष्टि से द्वार पर बिछाए जाने वाले पायदान के लिए भी कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। वास्तु के अनुसार, पायदान या डोरमेट का आकार आयताकार होना चाहिए।
कैसा होना चाहिए रंग

अगर आपके घर का मुख्य द्वार उत्तर दिशा में है तो आपको नीले रंग के पायदान का इस्तेमाल करना चाहिए। वहीं अगर आपका प्रवेश द्वार पूर्व दिशा में है तो हल्के रंग के डोरमेट का इस्तेमाल करें। इस दिशा में कभी भी काले या नीले रंग का डोरमेट नहीं होना चाहिए। उत्तर-पूर्व दिशा में प्रवेशद्वार होने पर पीले या हल्के पीले रंग का पायदान रखना शुभ माना जाता है। वहीं अगर आपका मुख्य द्वार पश्चिम दिशा की ओर है तो नीले, हरे और सफेद रंग का पायदान बिछाना चाहिए।
कैसा हो पायदान का कपड़ा
पायदान रखते समय ध्यान देना चाहिए, कि इसका कपड़ा रेशम, कपास और प्राकृतिक फाइबर से बना हुआ हो। क्योंकि ये आपके घर के अंदर सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं। ऐक्रेलिक कपड़े से बने पायदान को घर नहीं लाना चाहिए, क्योंकि ये अग्नि तत्व है, और सकारात्मक ऊर्जा और भावनाओं को जलाता है। साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिए कि अपने घर के पायदान को समय-समय पर बदलते रहे और इसे हमेशा साफ रखें।
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