पेड़ काटते वक्त ध्यान दें ये बातें

आसपास के वातावरण को पौधे और वृक्ष बनाते हैं. साथ ही लाभदायक भी बहुत होते हैं. यदि पौधों और वृक्षों को घर में या आसपास उपर्युक्त दिशा में नहीं रखा जाता तो ये भारी नुकसान पहुंचाते हैं.

वास्तुशास्त्र के मुताबिक व्यक्ति को कई सारी बीमारियां गलत दिशा में पौधे रखने और वृक्ष लगाने से हो जाती हैं. चलिए बताते हैं आपको वृक्षों और पौधों को लेकर कौन सी सावधानियां बरतीं पड़ सकती हैं. वहीं पेड़ काटते वक्त भी किस चीज को ध्यान रखना चाहिए.

आसपास के वातावरण को पौधे और वृक्ष बनाते हैं. साथ ही लाभदायक भी बहुत होते हैं. यदि पौधों और वृक्षों को घर में या आसपास उपर्युक्त दिशा में नहीं रखा जाता तो ये भारी नुकसान पहुंचाते हैं.

वास्तुशास्त्र के मुताबिक व्यक्ति को कई सारी बीमारियां गलत दिशा में पौधे रखने और वृक्ष लगाने से हो जाती हैं. चलिए बताते हैं आपको वृक्षों और पौधों को लेकर कौन सी सावधानियां बरतीं पड़ सकती हैं. वहीं पेड़ काटते वक्त भी किस चीज को ध्यान रखना चाहिए.

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक अगर पेड़ काटते जब पेड़ गिरता है. उस दौरान पेड़ गिरने की दिशा काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. इसके लिए हमे ध्यान रखना है कि पेड़ किस दिशा में गिरेगा. कहा जाता है कि अलग अलग दिशाओं में पेड़ कटकर गिरने से अलग अलग शुभ और अशुभ फलों की प्राप्ति होती है.

कहा जाता है कि यदि पेड़ कटकर पूर्व दिशा में गिरे. तो इसका मतलब है कि आपकी संपत्ति में बढोत्तरी होगी. यदि आग्नेय कोण, यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में गिरे तो अग्नि का भय बना रहता है. अगर पेड़ दक्षिण दिशा में गिरे तो तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

वहीं अगर पेड़ कटकर दक्षिण और पश्चिम दिशा में गिरता है तो परिवार में हमेशा कलह बनी रहती है. उत्तर दिशा में गिरने से घर में धन का आगमन बना रहता है. उत्तर पूर्व दिशा यानी ईशान कोण में पेड़ के गिरने से पेड़ गिरे तो बहुत की शुभ माना जाता है.

मान्यता ये भी है कि किसी भी पेड़ को काटने से पहले उसकी विधि विधान से पूजा अर्चना करनी चाहिए. जिसमें गन्ध, पुष्प और नैवेद्य से पूजा के लिए जरूरी है. पूजा के दौरान पेड़ के तने को साफ कपड़े से ढक्कर, उस पर सफेद रंग के सूत को लपेट दें. इसके बाद पेड़ से प्रार्थना करें कि इस पेड़ पर जो भी प्राणी वास करते हैं, उनका कल्याण हो, उन्हें अपना नमस्कार बोले. साथ ही ये भी कहें कि आप मेरे दिये हुए उपहार को ग्रहण कर, अपने वास स्थान को किसी दूसरी जगह पर ले जायें.

साथ साथ कहें हे वृक्षों में श्रेष्ठ. आपका कल्याण हो और गृह और अन्य कार्यों के निमित्त मेरी यह पूजा स्वीकार की जाए. इसके बाद पेड़ में जल चढ़ाएं. इसी के साथ ये बात भी ध्यान रखें कि पेड़ काटने वाले कुल्हाड़े में शहद और घी लगाएं इसके बाद पूर्व से उत्तर दिशा की तरफ पेड़ के चारों ओर घूमने के क्रम में उस पेड़ को काटें. पेड़ को हमेशा गोलाई में काटना चाहिए इसके बाद उसके गिरने को देखना चाहिए.