
फैशन के दौर में लड़कियों को बाल खुले रखना ज्यादा पसंद है। खुले बालों में उनकी खूबसूरती ज्यादा झलकती है। हालांकि धर्म शास्त्रों के अनुसार खुले बाल अशुभ माने गए हैं। वैदिक काल से खुल बालों का अमंगल का संकेत माना जाता रहा है। ऐसी मान्यता है कि खुले बाल रखने से जीवन में अनेक परेशानियां आने लगती हैं। रामायण काल में ऐसे कई उदाहरण देखने को मिल जाएंगे।
एक पौराणिक मान्यता के अनुसार सीता स्वयंवर के बाद जब देवी सीता ने प्रभु श्रीराम के साथ फेरे लिए थे तो माता सुनयना ने अपनी बेटी सीता के बालों को बांधा दिया था और विदाई के समय कहा था कि बालों को कभी भी खुला नहीं रखना। ऐसा करने से रिश्ते बिखर जाते हैं। वहीं, बाल अगर बंधे हो तो रिश्ते भी बांधकर रखते हैं। आज हम आपको बताएंगे क्यों खुले बाल नहीं रखना चाहिए।
खुले बालों में बाहर नहीं जाना चाहिए
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- जानकारों की मानें तो महिलाओं को खुले बालों में बाहर नहीं जाना चाहिए। खुले बाल में बाहर जाने पर महिलाएं नकारात्मक शक्तियों के संपर्क में आ सकती हैं।
- वास्तु जानकारों की मानें तो विवाहित महिलाओं के लिए बाल खुले रखना शुभ नहीं होता है। अशुभ समय या शोक के समय ही महिलाएं बाल खुले रखती हैं। इसके लिए बाल खुले न रखें।
- लंबे समय तक बाल खुले रखने से परिवार में दुख, संकट और परेशानियां आती हैं।
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द्रौपदी - सनातन शास्त्रों में निहित है कि महाभारत काल में चीर हरण के बाद द्रौपदी ने अपने बाल खुले रखे थे। इसका खामियाजा कौरवों को भुगतना पड़ा था।

- त्रेतायुग में माता कैकेयी नाराज होकर जब कोपभवन में गई थीं, तो उन्होंने अपने बाल खुले रखे थे। कालांतर में राम जी को वनवास हुआ। वहीं, पुत्र शोक की वजह से निधन राजा दशरथ का हो गया था।
- महिलाओं को रात के समय भी बांधकर सोना चाहिए। रात के समय नकारात्मक शक्तियां विचरण करती हैं। खुले बाल रखने से नकारात्मक शक्तियां का प्रभाव पड़ सकता है। इससे मानसिक और शारीरिक परेशानी हो सकती है।
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