
मौसम में नमी लोगों के लिए परेशानी बन जाती है। हालांकि, बारिश की वजह से तापमान में तो गिरावट आती है लेकिन उसका कुछ खास फायदा नहीं मिलता है। बारिश के मौसम में उमस भरी गर्मी क्यों होती है आइए इसके पीछे की वजह जानते हैं। यह उमस भरी गर्मी चिलचिलाती धूप से भी ज्यादा परेशान करने वाली होती है, जिसकी वजह से जीना मुहाल हो जाता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर बारिश के बाद इतनी उमस क्यों बढ़ जाती है? अगर आपके मन में इसे लेकर सवाल है और आप इसका जवाब खोज रहे हैं, तो इस आर्टिकल में आज हम आपको बताएंगे बारिश के बाद होने वाली उमस की वजह के बारे में
बारिश के बाद क्यों बढ़ जाती है उमस

मई और जून के महीने में पडऩे वाली भीषण गर्मी की वजह से मौसम पूरा शुष्क हो जाता है। इसकी वजह से वातावरण में नमी की कमी हो जाती है। लेकिन जब ऐसे मौसम में बारिश होती है, तो यह राहत के साथ ही परेशानी का सबब भी बन जाती है। दरअसल, तपती सूखी धरती पर जब पानी की बूंदें पड़ती है, तो इससे जमीन से गर्म भाप निकलती है, जिससे वातावरण में नमी आ जाती है। ऐसे में बाारिश के बाद बढ़ते तापमान के साथ हल्की नमी उमस का कारण बन जाती है।
गर्मी में क्यों आता है पसीना?

ये तो हुई बारिश के बाद उमस की बात, लेकिन अब सवाल यह भी है कि आखिर उमस वाली गर्मी में ज्यादा पसीना क्यों आता है। इसकी वजह की वातावरण में बढ़ती नमी ही है। दरअसल, पसीना आना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो शरीर को ठंडा रखने का काम करती है। मनाव शरीर का सामान्य तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है। लेकिन जब बाहर का तापमान बढ़ता है, तो शरीर को ठंडा करने के लिए पसीना आने लगता है, जिससे शरीर का तापमान सामान्य बना रहता है।
इसलिए आता है ज्यादा पसीना
मई-जून की गर्मी में वातावरण सूखा होता है, जिसकी वजह से वातावरण में नमी की कमी होती है। ऐसे में इस मौसम में पसीना आने पर भी वह हवा में जल्दी उड़ जाता है यानी शुष्क हवा में पसीना सूख जाता है। लेकिन बारिश के बाद बाद वातावरण में नमी आती है, तो गर्मी की वजह से पसीना तेजी से निकलने लगता है और इसके सूखने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इस वजह से उमस वाली गर्मी में चिपचिपाहट महसूस होती है और दिनभर पसीना आता रहता है।
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