इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, रमजान नवां महीना होता है। इस माह को मुस्लिम समुदाय के लोग बेहद पवित्र मानते हैं। इसकी शुरुआत चांद देखने के बाद ही होती है।
वर्ष 2021 की बात करें तो कहा जा रहा है कि अगर 12 अप्रैल 2021 को चांद दिखाई देता है तो पहला रोजा 13 अप्रैल को रखा जाएगा। वहीं, अगर 13 अप्रैल को चांद दिखाई देता है तो 14 अप्रैल के पहला रोजा रखा जाएगा।
इस महीने मुस्लिम समुदाय के लोग उपवास करते हैं। इसे अरबी भाषा में सौम कहा जाता है। ऐसे में इस माह को अरबी में माह-ए-सियाम भी कहा जाता है। वहीं, फारसी भाषा में इसे रोजा कहा जाता है।
रोजा शुरू करने से पहले सुबह सहरी खाई जाती है। फिर दिन भर उपवास किया जाता है। इस दौरान न तो खाया जा सकता है और न पिया जा सकता है। फिर शाम के समय जब सूर्यास्त होता है तो रोजा खोला जाता है। इसे इफ्तारी कहते हैं।
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