दोस्त की विदाई पर भावुक हुए प्रधानमंत्री मोदी, गुलाम नबी आजाद की तारीफ की

संसद के ऊपरी सदन से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद सहित चार सांसदों की विदाई हो रही है। जिन सांसदों का कार्यकाल पूरा हो रहा है उनमें दो पीडीपी, एक कांग्रेस और एक भाजपा सांसद शामिल हैं। इस मौके पर मंगलवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा को संबोधित किया।

अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने गुलाम नबी आजाद की जमकर तारीफ की। वहीं एक आतंकी घटना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री भावुक हो गए। उन्होंने बताया कि किस तरह से उस समय गुलाम नबी आजाद फंसे हुए लोगों की चिंता अपने परिवार के सदस्यों की तरह कर रहे थे। इतना ही नहीं तत्कालीन रक्षा मंत्री प्रणब मुखर्जी ने भी उनकी मदद की थी। 

गुलाम नबी की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गुलाम नबी जी जब मुख्यमंत्री थे, तो मैं भी एक राज्य का मुख्यमंत्री था। हमारी बहुत गहरी निकटता रही। एक बार गुजरात के कुछ यात्रियों पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया, 8 लोग उसमें मारे गए।

सबसे पहले गुलाम नबी जी का मुझे फोन आया। उनके आंसू रुक नहीं रहे थे। गुलाम नबी जी लगातार इस घटना की निगरानी कर रहे थे। वे उन्हें लेकर इस तरह से चिंतित थे जैसे वे उनके परिवार के सदस्य हों।

दोस्त की विदाई पर भावुक हुए प्रधानमंत्री मोदी, गुलाम नबी आजाद की तारीफ की

मैं श्री आजाद के प्रयासों और श्री प्रणब मुखर्जी के प्रयासों को कभी नहीं भूलूंगा। उस समय प्रणब मुखर्जी जी रक्षा मंत्री थे। मैंने उनसे कहा कि अगर मृतक शवों को लाने के लिए सेना का हवाई जहाज मिल जाए तो उन्होंने कहा कि चिंता मत करिए मैं करता हूं व्यवस्था। वहीं गुलाम नबी जी उस रात को एयरपोर्ट पर थे।

दोस्त की विदाई पर भावुक हुए प्रधानमंत्री मोदी, गुलाम नबी आजाद की तारीफ की

राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद के योगदान का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी भावुक हो गए। प्रधानमंत्री इतने भावुक हुए की बोलते-बोलते रुक गए। उन्होंने अपने आंसू पोछे। फिर टेबल पर रखे गिलास से पानी पिया और कहा सॉरी। इसके बाद उन्होंने फिर अपना संबोधन शुरू किया।

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