अफगानिस्तान-तालिबान संघर्ष : तालिबान ने एक जेल पर हमलाकर बंद 700 लड़ाकों को छुड़ाया, लोगों की जिंदगी हुई बदतर

अफगानिस्तान की सेना और तालिबान के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है। तालिबान ने शुक्रवार को शेबरगान सिटी में एक जेल पर हमलाकर यहां बंद 700 लड़ाकों को छुड़ा लिया। साथ ही देश के तीन प्रांतों में शरिया कानून लागू कर दिया। दूसरी तरफ, तालिबान से संघर्ष की शुरुआत से अब तक दो माह में करीब तीन लाख अफगानी अपने ही देश में बेघर हो गए हैं। करीब 40 हजार अफगानियों को जान बचाकर ईरान जाना पड़ा है।

संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (आईओएम) की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबानी हमलों से बचने के लिए अफगानिस्तान के कई परिवार दूसरे स्थानों पर चले गए। हालांकि, खतरे के बावजूद कई लोग विदेश से देश भी लौटे हैं। इनमें उन लोगों की बड़ी तादाद है, जिन्हें पाकिस्तान और ईरान ने कोरोना के कारण अपने यहां से निकाल दिया।

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बाल्ख प्रांत की महिला गवर्नर सलीमा माजरी ने तालिबान से लडऩे के लिए 600 लोगों की फौज तैयार की है, जो प्रांत के चारों ओर तैनात हैं। इन्होंने मवेशी बेचकर हथियार और जरूरी सामान खरीदा है।

तालिबान ने बदख्शां, तखर और गजनी प्रांत में फतवा जारी कर दिया है। उसने कहा है कि अगर 12 साल से अधिक उम्र की लड़कियां और विधवा महिलाएं घर के बाहर अकेली दिखीं, तो तालिबान के लड़ाके उन्हें उठाकर ले जाएंगे। अफगान महिलाओं पर इस्लामी शरिया कानून लागू होगा। तालिबान ने यह कानून 1996-2001 के दौरान भी लागू कर रखा था। तब तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा था।

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