दिलरूबा को सुनकर झूम उठे नेट-थिएट के दर्शक

साजन बिना कैसे कटे दिन रैन………

जयपुर। नेट-थिएट पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की श्रंखला में शनिवार को शास्त्रीय गायन और वाद्यवृंद की कौशिक ध्वनि ने कार्यक्रम का ऐसा रंग जमाया की महौल का सुरमयी बना दिया। नेट-थिएट के राजेन्द्र शर्मा राजू ने बताया कि धनबाद झारखंड की तान्या भादूडी ने सर्वप्रथम ठुमरी साजन बिना कैसे कटे दिन रैन…….कजरी में बरसने लागी बजरिया राग कौशकी ध्वनि ने बहुत ही सुरीले अंदाज में गाई इसके बाद उन्होंने एक भजन बता दे सखी मुझे घनष्याम गये कौन गली गाया अपने गायन कर्णमुरखी का प्रयोग तीन सप्तक तक सुरों को लगाकर अपनी गायकी को प्रदर्शित किया।

इसके पश्चात जयपुर के युवा कलाकारों में वायलिन वादक गुलजार हुसैन, गिटार पर बिलाल हुसैन, बांसूरी पर भारत भूषण वषिष्ठ, दिलरूबा वाद्य पर मो. उमर और तबले पर मिराज हुसैन ने राग जोग में वाद्य सुन्दर जुगलबंदी प्रस्तुत की।

इस सुन्दर वाद्यवृद प्रस्तुति को निर्देशन गुलजार हुसैन ने किया। सभी कलाकारों ने अपने वाद्यों पर अपनी गहन साधना का परिचय दिया। सभी की मनमोहक जुगलबंदी और गमक तीनों सप्तकों की तानों और सुंदर तिहाइयों ने राग जोग को सुंदर और सुरीला बना दिया।

इस कार्यक्रम में मेराज हुसैन की तबला संगत असरदार रही। कार्यक्रम की उद्घोषणा ने की। मंच सज्जा डा. मुकेश कुमार सैनी, तपेश शर्मा, जितेन्द्र शर्मा, अंकित शर्मा नोनू, सौरभ कुमावत, तुषार,। संगीत विष्णु कुमार जांगिड, प्रकाश मनोज स्वामी, अंकित कुमार जांगिड, आदि का रहा। सजीव प्रसारण सहयोग कृष्ण कुमार शर्मा का रहा। कार्यक्रम का संयोजन घृति शर्मा का रहा।