
नई दिल्ली । महिन्द्रा युनिर्सिटी के विद्यार्थियों ने अत्यधिक प्रतिस्पर्धी यूएस युनिवर्सिटी चैलेंज में द्वितीय और तृतीय स्थान हासिल किया है। इस युनिवर्सिटी से दो टीमें दि बॉबसन कॉलेबोरेटिव ग्लोबल स्टुडेंड चैलेंज 2024 में अंतिम दौर में पहुंचीं और दोनों ही विजेता बनकर उभरीं। इस वर्ष 20 देशों से 25 स्कूलों से 2,414 विद्यार्थियों ने इस प्रतिष्ठित प्रतिस्पर्धा में प्रतिभाग किया।
इस प्रतिस्पर्धा में दूसरा स्थान “हार्वेस्टेड रोबोटिक्स” की टीम ने हासिल किया जिसमेंपांच विद्यार्थी- राहुल आरेपका, प्रणव मोगली, साई फणी, संजय प्रमोद और अतिन साकीर शामिल थे। उनकी परियोजना का लक्ष्य एडवांस्ड लेजर्स एवं रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी के जरिए किसानों को रसायन मुक्त वीड मैनेजमेंट सॉल्यूशन उपलब्ध कराके कृषि क्षेत्र में क्रांति लाना है।

प्रतिस्पर्धा में तीसरा स्थान एक्स्ट्राइव इन्नोवेशंस नाम की परियोजना ने हासिल किया। इस टीम में चार विद्यार्थी- अभिषेक प्रताप, रौनक ओइनम, प्रेम निंगोमबाम और यशस्वी माटला शामिल थे। इस टीम ने कर्मचारी के आराम और उत्पादकता में सुधार करते हुए कार्यस्थल की सुरक्षा और दक्षता बढ़ाने के लिए एक एर्गोनॉमिक, किफायती एक्सोस्केलेटन डिजाइन किया है। यह पेशेवर स्वास्थ्य और एर्गोनॉमिक्स में महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करता है जिससे औद्योगिक कार्य वातावरण पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
उद्यमशीलता में अपने अकादमिक कार्यक्रम के लिए उच्च रेटिंग प्राप्त और प्रख्यात मैसेचुसेट स्थित बॉबसन कॉलेज यह वार्षिक प्रतियोगिता आजोयित करता है। इस प्रतियोगिता का जोर संयुक्त राष्ट्र के टिकाऊ विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को पूरा करने वाली अनूठी व्यवसायिक अवधारणाओं पर होता है।
महिन्द्रा युनिवर्सिटी के कुलपति डाक्टर यजुलु मेदुरी ने इन विद्यार्थियों की उपलब्धियों पर अत्यंत गर्व व्यक्त करते हुए कहा, “ये अवार्ड हमारे विद्यार्थियों की प्रतिभा, समर्पण और नवप्रवर्तन की भावना परिलक्षित करते हैं। महिन्द्रा युनिवर्सिटी में हम एक ऐसे उद्यमशीलता का माहौल पैदा करने के लिए समर्पित हैं जो रचनात्मकता और समस्याओं के समाधान को प्रोत्साहित करे। इस प्रतिष्ठित वैश्विक मंच पर हमारी टीमों की सफलता, शिक्षा में उत्कृष्टता एवं नवप्रवर्तन को लेकर हमारी अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।”
महिन्द्रा युनिवर्सिटी में प्रोफेसर एवं सेंटर फॉर आंत्रप्रिन्योरशिप एवं इन्नोवेशन (सीआईई) के प्रमुख डाक्टर राजकुमार फटाटे ने भावी उद्यमियों को आकार देने में इस तरह की वैश्विक प्रतिस्पर्धाओं को रेखांकित करते हुए कहा, “बॉबसन कॉलेबोरेटिव ग्लोबल स्टुडेंट चैलेंज में भागीदारी और उत्कृष्टता, एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की हमारे विद्यार्थियों की क्षमता प्रदर्शित करती है। सीआईई द्वारा उपलब्ध कराया गया सहयोग एवं मार्गदर्शन इन युवा नवप्रवर्तकों को सफल बनाने में काफी कारगर रहा है। हम विद्यार्थी उद्यमियों का सतत सहयोग करने और उनके विचारों को एक प्रभावी समाधानों में तब्दील करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
इन टीमों की यह उपलब्धि, दुनिया की वास्तविक समस्याओं के लिए नवप्रवर्तन, टिकाऊपन और व्यवहारिक समाधान पर इस युनिवर्सिटी के विशेष जोर का प्रदर्शित करती है। शिक्षकों, मार्गदर्शकों और व्यापक स्तर पर युनिवर्सिटी समुदाय की ओर से सतत सहयोग और प्रोत्साहन इस यात्रा में महत्वपूर्ण घटक रहा है।
उद्यमशीलता और नवप्रवर्तन पर इनका विशेष जोर शिक्षा के क्षेत्र में नए मानक स्थापित कर रहा और उदीयमान उद्यमियों को एक अनुकूल माहौल उपलब्ध कराके विद्यार्थियों को अपने अपने क्षेत्रों में नेतृत्व करने लायक बना रहा है जिससे वे लोगों के जीवन में एक सार्थक अंतर ला सकें।