काम के साथ माइक्रो ब्रेक लेने की डाल लें आदत, इससे बढ़ेगी प्रोडक्टिविटी

माइक्रो ब्रेक
माइक्रो ब्रेक

एक बार पहले सारा काम निपटा लूं फिर रेस्ट करूंगी। ज्यादातर महिलाओं की ऑफिस या घर के काम के दौरान यही सोच होती है और वो घंटों बिना रूके काम में जुटी रहती हैं। इतना ही नहीं इसमें वे परफेक्शन के भी पीछे पड़ी रहती हैं। जिस वजह से थकान और ऊबन दोनों बढ़ जाती है। साथ ही इस आदत के चलते धीरे-धीरे वे कई तरह की मानसिक और शारीरिक बीमारियों का भी शिकार होने लगती हैं। इससे बचने का बहुत ही आसान तरीका है माइक्रो ब्रेक लेना और ये सिर्फ महिलाओं के लिए ही नहीं, बल्कि हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। आइए जानते हैं इस बारे में।

क्या है माइक्रो ब्रेक?

माइक्रो ब्रेक
माइक्रो ब्रेक

अपनी व्यस्त दिनचर्या में बीच-बीच में थोड़ा समय खुद को रिलैक्स करने के लिए निकालने को माइक्रो बेक कहा जाता है। ये ब्रेक 10 मिनट का भी हो सकता है या 5 मिनट में भी निपटाया जा सकता है। ये छोटा-सा ब्रेक आपको रिफ्रेश और रिचार्ज करने का काम करता है।

क्या करें माइक्रो ब्रेक में?

माइक्रो ब्रेक
माइक्रो ब्रेक

माइंडफुलनेस से स्ट्रेस दूर होता है, तो इसके लिए एक्सरसाइज करें। कुछ मिनट के लिए सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। आंख बंद करके सुखासन में बैठ जाएं। आप चाहें तो इसे ऑफिस में अपनी कुर्सी पर भी बैठकर कर सकते हैं। माइंडफुलनेस का हमारे इमोशन्स के साथ स्किल्स पर भी असर पड़ता है। स्ट्रेस हार्मोन का लेवल कम होने लगता है।

कोई न कोई फिजिकल एक्टिविटी करें। किचन में कुकिंग के दौरान या झाडू-पोछा करते वक्त शरीर को थोड़ा-बहुत स्ट्रेच करें। इससे मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं। एक्सपट्र्स का कहना है कि काम के बीच 10 मिनट का माइक्रो ब्रेक लेने से थकान का एहसास नहीं होता। बोरियत महसूस नहीं होती और इससे काम को भी जल्दी खत्म किया जा सकता है।

पामिंग कर सकते हैं। माइक्रो ब्रेक में पामिंग से बहुत आराम मिलता है। हथेलियों को आपस में रगड़ें, जिससे गर्मी उत्पन्न हो। फिर इसे आंखों पर कुछ सेकंड लगाकर रखें। अब इसी में धीरे-धीरे आंखों को खोलें। माहौल में बदलाव भी कारगर साबित हो सकता है, जैसे- घर के काम कर रहे हैं तो बीच में एक कप चाय पीने के लिए लॉन में बैठ जाएं। ऑफिस है, तो सीट छोडक़र कैंटीन या बाहर थोड़ी देर वॉक करें। इन छोटी-छोटी चीज़ों से दिमाग रिफ्रेश हो जाता है।

माइक्रो ब्रेक के फायदे

फोकस बढ़ता है।
शरीर फिट रहता है और आप ज्यादा एनर्जेटिक फील करते हैं।
बॉडी के साथ माइंड भी हेल्दी रहता है।
स्ट्रेस दूर होता है।
क्रिएटिविटी और प्रोडक्टविटी बढ़ती है।
थकान छू मंतर हो जाती है।

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