घर में बनाएं चटपटी दही की गुजिया

घर में दही की गुजिया बनाना काफी आसान होता है। आपको दही की गुजिया बनाने में लगभग 30 मिनट का समय लगेगा। आज हम आपको बताएंगे घर में दही की गुजिया बनाने की आसान विधि। तीन आसान स्टेप्स में स्वादिष्ट दही की गुजिया बनकर तैयार हो जाएगी।

दही की गुजिया बनाने के लिए आवश्यक सामग्री

उड़द की दाल- 150 ग्राम 
मूंग की दाल- 50 ग्राम 
किशमिश
काजू- बारीक कटा हुआ
खोया- 2 बड़े चम्मच 
दही- 4 कप 
हरी मिर्च- 2
धनिया
भुना जीरा पाउडर- 2 छोटे चम्मच 
चाट मसाला- 2 छोटे चम्मच 
मीठी चटनी- 1 कप 
हरी चटनी- 1 कप 
तेल

नमक- स्वादानुसार

स्टेप 1 : दही की गुजिया बनाने से एक दिन पहले रात में उड़द और मूंग की दाल को भिगो लें। इसके बाद अगले दिन उड़द और मूंग की दाल को पीस लें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि दाल ज्यादा गीली न हो। अब पिसी हुई दाल में नमक, धनिया पत्ती, मिर्च, किशमिश और काजू  मिला लें। मिलाने के बाद इस मिश्रण को अच्छी तरह से फेंट लें।

स्टेप  2 : अब आपने खोया में चीनी का भूरा मिलाना है और इसे कुछ देर के लिए अलग रख देना है। इसके बाद एक कॅाटन का कपड़ा लें और उसे गीला करने के बाद अच्छे से निचोड़ कर फैला लें। इसके बाद दाल के मिश्रण से एक छोटी सी लोई बनाएं और उसके बीच में थोड़ा सा खोया भर दें। इसके बाद इसे अच्छे से फोल्ड करें और गुजिया का आकार दें। गुजिया का आकार देने के बाद आपने इसे गीले कपड़े में रख देना है। इस तरीके से बाकी बचे दाल के मिश्रण से भी गुजिया बना लें।

स्टेप 3 : इसके बाद कढ़ाई में तेल गर्म कर लें। अब इस तेल में गुजिया को तलना शुरू करें। तली हुई गुजिया को एक पानी से भरे बर्तन में डुबों को रखें। गुजिया तलने के बाद आपने एक बर्तन में दही ले लें और उसे अच्छी तरह से मथ लें। दही में काला नमक और भुना जीरा मिला लें। इसके बाद गुजिया को पानी से निकाल लें और दही में डुबो दें। कुछ देर इसे फ्रिज में रखने के बाद आप मीठी और हरी चटनी डाल कर दही की गुजिया का सेवन कर सकती हैं।  

रहस्यो से भरा है अमेजन का जंगल, नदी में गिरने के बाद सिर्फ मौत ही मिलती है

रहस्यों से भरा अमेजन जंगल एक अबूझ पहेली की तरह है। इस जंगल की गिनती दुनिया के सबसे बड़े जंगलों में होती है, क्योंकि यह अरबों एकड़ में फैला हुआ है। यह जंगल इतना विशाल है कि यह अकेले ही नौ देशों की सीमाओं को छूता है। ऐसा भी कहा जाता है कि इस जंगल में ऐसे जीव-जंतू और अन्य चीजें मौजूद हैं।

यही वजह है कि इस जंगल में ज्यादा अंदर तक जाने के बारे में इंसान सोचता तक नहीं है। आपको बता दें कि इसी जंगल में मौजूद नदी, जिसका पानी हमेशा उबलता रहता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर इसके पानी में गलती से भी कोई गिर जाए तो उसकी मौत लगभग तय है।

पेरू में मौजूद इस रहस्यमय नदी की खोज भूवैज्ञानिक आंद्रे रूजो ने साल 2011 में की थी। मयानतुयाकू नामक इस नदी की खोज की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है, जिसके बारे में आंद्रे रूजो ने बताया है।

दरअसल, बचपन से ही रूजो ने ऐसी काल्पनिक नदियों की कहानियां सुन रखी थी, जो उन्हें आश्चर्य से भर देती थीं, लेकिन तब उन्हें इस बात का बिल्कुल भी अहसास नहीं था कि ऐसी नदी सच में होती है। आंद्रे रूजो के मुताबिक, जब वो बड़े हुए तो भी उबलती हुई नदी की कहानी हमेशा उनके दिमाग में रही।

वो अक्सर ऐसा सोचते कि क्या ऐसा संभव है। यहां तक कि उन्होंने विश्वविद्यालय के अपने सहयोगियों, तेल, गैस और खनन कंपनियों से भी इस बारे में जानना चाहा, लेकिन सबका जवाब ना ही था। इसके अलावा अगर वैज्ञानिक तौर पर भी देखें तो ऐसा संभव ही नहीं है कि नदी का पानी हमेशा उबलता रहे, जब तक कि आसपास कोई सक्रिय ज्वालामुखी न हो।

इस असमंजस की स्थिति में एक दिन वो अमेजन के जंगलों में पहुंच गए, जहां उन्हें अपनी काल्पनिक कहानी सच होती हुई दिखी। उन्होंने आखिरकार ऐसी नदी को ढूंढ ही निकाला, जिसका पानी रहस्यमय तरीके से उबल रहा था। यह नदी करीब मील लंबी है।

रूजो के मुताबिक, इसका पानी इतना गर्म है कि उससे आप चाय भी बना सकते हैं। आंद्रे रूजो के मुताबिक, अगर कोई इंसान या जीव-जंतु इस नदी के उबलते हुए पानी में गिर जाए तो उसकी मौत भी हो सकती है। उन्होंने खुद कई छोटे जीवों को पानी में गिरते देखा था, जो तुरंत ही मर जाते थे। बताया जाता है कि नदी के पानी का तापमान करीब 80 डिग्री सेल्सियस रहता है।

रूजो ने इस नदी के बारे में द बॉयलिंग रिवर: एडवेंचर एंड डिस्कवरी इन द अमेजन नाम की एक किताब भी लिखी है, जिसमें उन्होंने इसके रहस्यों के बारे में बताया है। उनके मुताबिक, यह नदी प्रकृति का आश्चर्य है, जिसका पानी रहस्यमय तरीके से उबल रहा है। इस बारे में वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं, लेकिन अब तक यह पता नहीं चल सका है कि इसका पानी क्यों इतना गर्म है।