गौशालाओं के लिए अनुदान प्रक्रिया को और ज्यादा आसान व सरल बनाएं : मुख्य सचिव

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने गौशालाओं के लिए अनुदान प्रक्रिया को और ज्यादा आसान व सरल बनाने के निर्देश दिए हैं। आर्य शुक्रवार को यहां शासन सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से गौ-संरक्षण एवं संवर्धन निधि की राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे।

मुख्य सचिव ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए गौशाला स्थापना से लेकर अनुदान प्राप्त करने तक की पूरी प्रक्रिया को अधिकतम आसान एवं पारदर्शी बनाएं। उन्होंने अनुदान राशि का भुगतान तय समय पर डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से करने के निर्देश दिए, ताकि गौशाला संचालकों को त्वरित लाभ मिल सके। उन्होंने चरागाह भूमि पर चल रही गौशालाओं का पंजीकरण करने में आ रही बाधाओं को दूर करने के उपाय करने के निर्देश भी दिए।

आर्य ने सभी जिला एवं ब्लॉक स्तर पर समयबद्ध तरीके से शीघ्र उपयुक्त स्थानों का चयन कर नन्दी शालाएं स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्वयंसेवी संस्थाओं और गौशाला संचालकों के सहयोग से व्यावहारिक योजना बनाकर कार्य करें।

इस दौरान पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीना ने बताया कि स्टांप ड्यूटी पर 10 प्रतिशत एवं मदिरा बिक्री के वेट पर 20 फीसदी अधिभार लगाकर निधि का सृजन किया गया है। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में 31 दिसम्बर तक इस निधि में 638 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है।