
चीन पर मंडरा रहा है इसका डर
चीन ने इस हफ्ते कोविड-19 नियमों में जो ढील दी, उससे देश की अर्थव्यवस्था में गति आने की उम्मीद बनी है। साथ ही कोरोना महामारी का नया दौर आने का अंदेशा भी गहरा गया है। चीन ने बीते बुधवार को 10 सूत्री नए कोविड नियम घोषित किए। इनके तहत कोविड-19 नियंत्रण में ध्यान रोकथाम के बजाय इलाज पर केंद्रित करने का फैसला किया गया है। साथ ही बिना लक्षण वाले या हलके लक्षण वाले संक्रमित मरीजों को घर पर ही क्वैरेंटीन में रहने की इजाजत दी गई गई है। सामूहिक रूप से कोविड जांच का चलन भी रोकने का निर्णय लिया गया है।

चीन सरकार ने कोविड नियमों में बदलाव का फैसला सख्त नियमों के खिलाफ देशभर में हुए जन प्रदर्शनों के बाद लिया। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, अब सरकार ने जो घोषणा की है, उस पर ठीक से अमल हुआ, तो चीन की स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर रूप में सामने आएगी। लेकिन ऐसा लंबी अवधि में हो पाएगा। फिलहाल चीन ने स्वास्थ्य देखभाल पर जीडीपी के दस फीसदी हिस्से को खर्च करने का फैसला किया है। हर साल खर्च को 0.5 से 0.75 प्रतिशत बढ़ाते हुए बजट को इस स्तर तक लाया जाएगा।
सबसे ज्यादा संकट में प्रोपर्टी सेक्टर
मीडिया में छपी रिपोट्र्स के मुताबिक, फिलहाल चीन सरकार का जोर अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने पर होगा। सख्त कोविड नियमों के कारण चीन की अर्थव्यवस्था इस साल काफी सुस्त हो गई है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अब चीन के लिए सकल घरेलू उत्पाद की पुरानी ऊंची वृद्धि दर को फिर से हासिल कर पाना आसान नहीं होगा। इसके लिए उसे ढांचागत सुधार करने होंगे। अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्र संकटग्रस्त हो चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा संकट में प्रोपर्टी सेक्टर है। अब चीन सरकार ने इस क्षेत्र को संभालने के लिए एक योजना घोषित की है। लेकिन वह जमीन पर कितनी कारगर होगी, यह सवाल बना हुआ है।
विशेष प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की उम्मीद
वेबसाइट एशिया टाइम्स पर छपे एक विश्लेषण में कहा गया है कि प्रोपर्टी सेक्टर के बाद आने वाले दिनों में चीन सरकार डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज घोषित कर सकती है। इस उम्मीद में इस हफ्ते चीन की दूरसंचार कंपनियों के शेयरों के भाव उछले हैं। साथ ही बाजार बढऩे की उम्मीद में चाइना यूनाइटेड नेटवर्क कंपनी ने टेन्सेंट कंपनी के साथ पार्टनरशिप का एलान किया है।
नियमों में ढील के साथ बढ़ा खतरा
लेकिन विश्लेषकों की राय है कि आर्थिक क्षेत्र में पैदा हुई उम्मीदें तभी हकीकत बन पाएंगी, अगर नियमों में ढील के बावजूद कोरोना संक्रमण पर काबू बना रहा। स्वास्थ्य विशेषज्ञ पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि अगर संक्रमण की कोई तेज लहर आई, तो संभव है कि देश की स्वास्थ्य व्यवस्था उसे संभाल न पाए। एशिया टाइम्स ने अपने विश्लेषण में कहा है कि नियमों में ढील के साथ ही चीन में अस्पताल के अधिक बिस्तरों, अधिक आईसीयू, वेंटिलेटर सहित अधिक अन्य उपकरण आदि जुटाने की चुनौती आ खड़ी हुई है।
पर्यवेक्षकों ने राय जताई है कि अगर महामारी की लहर आने से देश में तबाही मची, तो उससे शी जिनपिंग की सरकार की साख पर गंभीर सवाल उठ सकते हैं। अभी सरकार ने नियमों में ढील देकर असंतुष्ट लोगों को राहत दी है। लेकिन अगर इस कदम की वजह से महामारी तेजी से फैली तो देश की दूसरे जन समुदायों की तरफ से उससे भी बड़े स्तर पर विरोध का सामना सरकार को करना पड़ सकता है।
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