
जोधपुर / उदयपुर। बी.टी.आर.सरकार बोड़ो लेंड-आसाम की ओर से आगामी 06 से 08 जनवरी 2023 तक राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित त्रिदिवसीय ‘कोकराझार लिटरेरी फेस्टिवल में राजस्थान से साहित्य अकादेमी, नई से पुरस्कृत दो साहित्यकार मीठेश निर्मोही एवं दिनेश पंचाल सहभागिता निभायेंगे। ‘प्रेम और सद्भावना ‘ थीम पर गौरांग नदी के किनारे स्थित ‘बोडोफा कल्चरल काम्पलैक्स’ कोकराझार में राष्ट्रीय स्तर पर आयोज्य ‘कोकराझार लिटरेरी फेस्टिवल’ के दूसरे संस्करण में देश भर से भारतीय भाषाओं के 100 से अधिक साहित्यकारों को आमंत्रित किया गया है।
जोधपुर से इस बार फिर से साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली से पुरस्कृत हिन्दी और राजस्थानी के जाने-माने कवि , कहानीकार, अनुवादक एवं आलोचक मीठेश निर्मोही तथा डूंगरपुर से साहित्य अकादेमी, नई से पुरस्कृत राजस्थानी के सुप्रतिष्ठ कहानीकार दिनेश पंचाल को आमंत्रित किया गया है। निर्मोही एक सत्र में ‘समकालीन कविता’ पर आयोज्य विमर्श में मोडरेटर की भूमिका में रहेंगे, एक अन्य सत्र में हिन्दी एवं राजस्थानी में कविताओं का पाठ करेंगे तथा विभिन्न सत्रों में साहित्यिक चर्चाओं में हिस्सादारी भी निभायेंगे तथा दिनेश पंचाल राजस्थानी की उपभाषा वागड़ी में कहानी पाठ करेंगे तथा विभिन्न सत्रों में आयोज्य चर्चाओं में भाग लेंगे।
मीठेश निर्मोही 05 जनवरी को जोधपुर से तथा दिनेश पांचाल उदयपुर से वाया दिल्ली गुवाहाटी के लिए फ्लाइट से रवाना होंगे। वहां से वे कार से कोकराझार पहुंचेंगे तथा 10 जनवरी को उनकी वापसी होगी।
लिटरेरी फेस्टिवल की आयोजन समिति के अध्यक्ष साहित्यकार प्रोफेसर अनिल बोड़ो के अनुसार कोकराझार लिटरेरी फेस्टिवल का यह दूसरा संस्करण “प्रेम और सद्भावना” थीम को समर्पित है। साहित्य महोत्सव में कविता के अतिरिक्त साहित्य की विभिन्न विधाओं को भी शामिल किया गया है। इस बार भारतीय भाषाओं के प्रख्यात साहित्यकार के साथ उत्तर – पूर्वोतर की भाषाई लेखिकाओं और युवा लेखकों पर विशेष रूप से तरजीह दी गई है।
साहित्य महोत्सव के विभिन्न सत्रों में भारतीय भाषाओं के कवि एवं कहानीकार क्रमशः काव्य एवं कहानी पाठ करेंगे। सद्य प्रकाशित पुस्तकों तथा भाषा, साहित्य एवं संस्कृति से संबंधित विविध विषयों पर भी चर्चा – परिचर्चाएं आयोजित की जायेंगी । लघु नाटकों का मंचन भी होगा । इतना ही नहीं साहित्य महोत्सव के इस संस्करण में लोक रंजन के लिये उत्तर-पूर्व की विभिन्न आदिवासी संस्कृतियों से जुड़े लोक कलाकार, गायक,वादक अपने-अपने हुनर को प्रदर्शित करेंगे तथा अभिभूत कर देने वाली संगीतात्मक ही नहीं अपितु नृत्यतयात्मक प्रस्तुतियां भी देंगे ।
उल्लेखनीय रहे कि पिछली बार वर्ष 2021 में ‘प्रेम और शांति के लिए कविता’ थीम पर आयोजित त्रिदिवसीय ‘कोकराझार अंतरराष्ट्रीय कविता महोत्सव ‘ में साहित्यकार मीठेश निर्मोही मुख्य अतिथि के रूप में सहभागी रहे थे। बोड़ो साहित्य दिवस के अवसर पर देश-दुनिया से एक सौ से अधिक भाषाओं, उप भाषाओं तथा बोलियों के 169 कवियों ने अपनी रचनाशीलता से इस साहित्य महोत्सव को अनूठा,ऐतिहासिक और अविस्मरणीय बनाया ।जहां तक जानकारी है कि इससे पहले विश्व के किसी भूभाग में इतनी भाषाओं के कवियों का ऐसा विराट सम्मेलन कहीं आयोजित नहीं हुआ।