
अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता भी खत्म
गाजीपुर। यूपी में सरकार द्वारा माफिया गैंग पर कसे जा रहे शिकंजे के बीच बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को तगड़ा झटका लगा है। एमपी/एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में 10 साल की सज़ा सुनाई है. साथ ही 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। वहीं, मुख्तार अंसारी के बड़े भाई और बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी को भी एमपी एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है। सांसद अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा और एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। सांसद अफजाल अंसारी को पुलिस कस्टडी में ले लिया गया है।

बता दें कि शनिवार सुबह से ही गाजीपुर के एसपी कार्यालय के बाहर न्यायालय जाने वाले मार्ग को बैरिकेडिंग कर आवागमन रोक दिया गया था। पीएसी और पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई थी। वहीं, न्यायालय में फैसला आने को लेकर गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी सुबह 10.45 बजे कोर्ट में पहुंच गए थे। मुख्तार अंसारी बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े।
कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए दस साल की सजा सुनाई है। साथ ही पांच लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। साथ ही कोर्ट ने सांसद अफजाल अंसारी को भी दोषी करार किया है। कोर्ट ने अफजाल अंसारी को चार साल की सजा सुनाई है साथ ही एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। दो साल से ज्यादा की सजा होने के कारण अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता भी खत्म हो गई।
क्या था पूरा मामला जिस पर आना है फैसला
22 नवंबर 2005 को मुहम्मदाबाद पुलिस ने भांवरकोल में कृष्णानंद राय हत्याकांड और वाराणसी में नंद किशोर रूंगटा के मामले को गैंग चार्ट में शामिल करते हुए सांसद अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी के खिलाफ गिरोह बंद अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराया था. इसके बाद से गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी जमानत पर हैं।
विधायकी हारने पर कराई गई थी राय की हत्या

गाजीपुर में 29 नवंबर 2005 को मोहम्मदाबाद से तत्कालीन बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय सहित कुल 7 लोगों को गोलियों से छलनी कर दिया गया था. चुनावी रंजिश के कारण इस हत्या को अंजाम दिया गया था. इस हत्याकांड में मुख्तार अंसारी और अफजाल को आरोपी बनाया गया था. दरअसल, अंसारी ब्रदर्स के प्रभाव वाली मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर 2002 में अफजाल अंसारी को हराकर कृष्णानंद राय ने जीत हासिल की थी. इसके चलते उनकी हत्या हुई थी।
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