म्यांमार तख्तापलट : क्रूरता से बर्बरता की तरफ बढ़ रही म्यांमार की सेना

पूरी दुनिया महामारी से त्रस्त है। मौतों की संख्या बढ़ रही है। वहीं साढ़े 5 करोड़ की आबादी वाले देश म्यांमार में सेना कू्ररता से बर्बरता की तरफ बढ़ रही है। आए दिन निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं। इस बीच सेना की इस कार्रवाई में फेसबुक की भी भूमिका सामने आई है।

दरअसल, ह्यूमन राइट्स ग्रुप ग्लोबल विटनेस ने एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें बताया है कि फेसबुक सैन्य दुष्प्रचार और सैन्य तख्तापलट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को उकसाने वाली सामग्री को बढ़ावा देता है।

इसे लेकर रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद फेसबुक ने खुद की ही नीतियों का उल्लंघन किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि म्यांमार में सेना के सत्ता पर कब्जा जमाने और निर्वाचित नेताओं को कैद करने के एक महीने बाद भी फेसबुक एल्गोरिद्म यूजर्स को सैन्य समर्थक पेजों के साथ ही उन पोस्ट्स को देखने और लाइक करने के लिए बढ़ावा दे रहा था, जो हिंसा को भड़काते हैं। भ्रामक सूचना फैलाते हैं।

सेना की प्रशंसा करते हैं और उसके अत्याचारों का महिमामंडन करते हैं। फेसबुक एल्गोरिद्म पोस्ट के क्रम और प्रस्तुति को नियंत्रित करता है, ताकि यूजर्स यह देख सकें कि उनके लिए सबसे ज्यादा प्रासंगिक क्या है।

फेसबुक ने तख्तापलट के बाद घोषणा की थी कि वह अपनी साइट और अपने मालिकाना हक वाले इंस्टाग्राम से म्यांमार सेना द्वारा नियंत्रित पेजों को हटाएगी। इसके बावजूद ऐसा नहीं किया गया। बता दें, सेना ने गत एक फरवरी को तख्तापलट किया था।

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