म्यांमार तख्तापलट : लोकतंत्र बचाने सेना के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग

म्यांमार में 1 फरवरी को हुए तख्तापलट के बाद जनता पूरी ताकत से सड़कों पर उतर आई है। सेना ने देश के ज्यादातर शहरों और कस्बों में कफ्र्यू लगाया है, लेकिन लोगों के जोश के आगे वह मजबूर होकर चुपचाप तमाशा देख रही है। मंगलवार को सुबह से ही लोग यांगून और बाकी शहरों में सड़कों पर उतर आए। कुछ प्रदर्शनकारियों ने कहा- हम अपनी आंखों के सामने लोकतंत्र खत्म होते नहीं देख सकते। कफ्र्यू की कोई परवाह नहीं, लोकतंत्र वापस चाहिए।

1 फरवरी को तख्तापलट के बाद सेना ने 5 फरवरी को देश के किसी भी हिस्से में लोगों के जुटने या रैली करने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद विरोध और तेज होता जा रहा है।

द गार्डियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को सुबह से ही लोग सड़कों पर उतर आए और सैन्य सरकार के विरोध में नारेबाजी की। इस दौरान सैनिक चुपचाप खड़े देखते रहे। हॉस्पिटल्स, स्कूल्स और सरकारी दफ्तरों में कर्मचारी नहीं पहुंचे।

यांगून के ऐतिहासिक सुले पगोडा के करीब सुबह ही हजारों लोग पहुंच गए। इस बीच खबरें फैलीं कि सेना इन लोगों के खिलाफ बल प्रयोग कर सकती है। लेकिन, लोगों की संख्या और उनके हौसले को देखकर सैनिक चुपचाप खड़े रहे। 37 साल की विन मिन ने कहा- हम जानते हैं कि सेना हमारी आवाज दबाना चाहती है, लेकिन इस बार हम पीछे हटने वाले नहीं हैं।

यह भी पढ़ें-पाकिस्तान गए करीब 100 कश्मीरी युवा वापस नहीं लौटे, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क