
अवैध रूप से अनाज उठाने वाले सरकारी अधिकारियों- कर्मचारियों से अब तक 82 करोड़ 8 लाख,62 हजार रुपये की वसूली
गहलोत सरकार ने दिखाई भ्रष्टाचार पर सख्ती
जनाधार कार्ड से एनएफएसए में अवैध लाभ उठा रहे थे सरकारी अधिकारी-कर्मचारी
सत्येंद्र शुक्ला
जयपुर । राजस्थान में गहलोत सरकार ने सख्ती दिखाते हुए एनएफएसए से अवैध लाभ प्राप्त करने वाले सरकारी अधिकारी-कर्मचारी से अब तक 82 करोड़ 8 लाख,62 हजार रुपये की वसूली की है। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए 66 हजार 604 कर्मचारियों से वसूली हो गई है। यह सभी कर्मचारी जनाधार कार्ड से एनएफएसए योजना में अवैध लाभ प्राप्त करते हुए चिह्नित किए गए थे ।
यही कारण है कि गहलोत सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम यानि एनएफएसए के तहत अवैध रूप सरकारी गेहूं उठाने वाले 83 हजार 232 सरकारी कर्मचारियों को चिन्हित कर चुकी है।
खाद्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अभी भी 16 हजार 628 सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों से वसूली होनी बाकी है। अभी तक 80 फीसदी तक धनराशि वसूली हो चुकी है। दोषी पाए गए सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों से 27 रुपये प्रति किलो के हिसाब उठाए गए गेहूं की वसूली की गई है।
राजस्थान के 33 जिलों में सबसे अधिक दौसा जिले के सरकारी अधिकारी-कर्मचारी एनएफएसए का गेहूं उठाने के मामले में जनाधार कार्ड के जरिये पकड़े गए है। यहां पर कुल 7 हजार 702 सरकारी कर्मचारियों में से अब तक 4 हजार 114 सरकारी कर्मचारियों से 3 करोड़ 94 लाख 5 हजार 948 रुपये की वसूली हो चुकी है ।
इसके बाद जयपुर में 6557 सरकारी कर्मचारियों में से 4496 कर्मचारियों से 5 करोड़ 68 लाख 96 हजार 247 रुपयों की धनराशि वसूल हो गई है।
जबकि उदयपुर जिले में भी 5267 सरकारी कर्मचारियों में से 4 हजार 992 कर्मचारियों से अब तक 5 करोड़ 25 लाख 46 हजार 171 रुपये की वूसली हो चुकी है।
वहीं बांसवाड़ा जिले के 6174 सरकारी कर्मचारियों में से 3987 कर्मचारियों से 5 करोड़ 69 लाख, 96 हजार 247 रुपये की वसूली हो चुकी है। अलवर जिले में 6027 सरकारी कर्मचारियों मे से 4387 कर्मचारियों से 4 करोड़ 39 लाख 39 हजार 676 रुपये की वसूली हो चुकी है।
खाद्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक करौली और टोंक दो ऐसे जिले से जहां पर शत प्रतिशत दोषी सरकारी कर्मचारियों से वसूली हो चुकी है । करौली में 2856 दोषी सरकारी कर्मचारियों से 4 करोड़ 25 लाख 65 हजार 384 रुपये की धनराशि वसूल की गई है। जबकि टोंक जिले के 1175 दोषी कर्मचारियों से 1 करोड़ 41 लाख 92 हजार 414 धनराशि की वसूली की गई है।
झुुंझुनूं में दोषी 2401 में से 2351 सरकारी कर्मचारियों से अब तक 3 करोड़ 83 लाख 45 हजार 186 रुपये की वसूली की गई है। जबकि नागौर जिले में 3096 में से अब तक 3009 दोषी कर्मचारियों से 3 करोड़ 32 लाख 49 हजार 12 रुपये की वसूली हो चुकी है। श्रीगंगानगर जिले में 1836 दोषी कर्मचारियों में से 1764 से 2 करोड़ 33 लाख 54 हजार 141 रुपये की वसूली हो गई है।
प्रतापगढ़ में 2080 दोषी सरकारी कर्मचारियों से 2 करोड़ 37 लाख 42 हजार 596 रुपये की वसूली हो चुकी है। डूंगरपुर में 2663 सरकारी कर्मचारियों से 3 करोड़ 40 लाख 50 हजार 437 रुपये , सीकर में 2173 सरकारी कर्मचारियों से 3 करोड़ 28 लाख 57 हजार रुपये, हनुमानगढ़ में 2797 सरकारी कर्मचारियों से 3 करोड़ 8 लाख 5 हजार 296 की धनराशि वसूल हो चुकी है। भरतपुर में 2910 सरकारी कर्मचारियों से 3 करोड़ 4लाख 7 हजार रुपये की वसूली हो चुकी है। खाद्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक दो करोड़ रुपये से अधिक धनराशि वसूल करने में जोधपुर, अजमेर, बूंदी , बारां जिला शामिल है।