
कश्मीर फाइल्स को बताया वल्गर
नई दिल्ली। इस्राइल के फिल्म मेकर नादव लैपिड ने मोटा पैसा कमाने वाली फिल्म द कश्मीर फाइल्स को वल्गर करार दिया है। उनके इस बयान पर फिल्म इंडस्ट्री में नया बखेड़ा हो गया है। ‘द कश्मीर फाइल्सÓ साल 2022 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक है। यह फिल्म उन कश्मीरी पंडितों पर आधारित है, जिन्हेंं मुसलमानों के जुल्म के चलते कश्मीर छोडऩे के लिए मजबूर होना पड़ा था।
पहले जान लें निर्माता का बयान

दरअसल, गोवा में आयोजित हुए 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आईएफएफआई) में 22 नवंबर को द कश्मीर फाइल्स की स्क्रीनिंग हुई थी और फिल्म मेकर नादव लैपिड इस फिल्म फेस्टिवल में जूरी के हेड हैं। इस फेस्टिवल में उन्होंने अपनी स्पीच के दौरान कहा, फिल्म द कश्मीर फाइल्स से हम सभी परेशान और हैरान थे। यह मुझे एक प्रचार और अश्लील फिल्म की तरह लगी, जो इस तरह के प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के कलात्मक प्रतिस्पर्धी वर्ग के लिए जरूरी नहीं है। मैं यहां पर आपके साथ इन भावनाओं को खुले तौर पर साझा करने में पूरी तरह से सहज महसूस कर रहा हूं। इस उत्सव की भावना में, हम निश्चित रूप से एक आलोचनात्मक चर्चा को भी स्वीकार कर सकते हैं, जो कला और जीवन के लिए आवश्यक है।
कौन हैं नादव लैपिड?

नादव लैपिड का जन्म इजरायल के टेल अवीव में हुआ और उन्होंने तेल अवीव विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र की पढ़ाई की। फिल्मी दुनिया में कदम रखने से पहले नादव लैपिड ने इजराइल की सेना में अपनी सेवा दी है। सैन्य सेवा देने के बाद ही उन्होंने यरुशलम में सैम स्पीगल फिल्म एंड टेलीविजन स्कूल से डिग्री ली और फिर वह पेरिस चले गए। उन्होंने कई फिल्में बनाई हैं लेकिन नादव लैपिड को शॉर्ट फिल्म और डॉक्युमेंट्रीज के लिए जाना जाता है।
कई फिल्म फेस्टिवल के रहे जूरी
उन्होंने सिनेमा की दुनिया में कई बेहतरीन फिल्में दी हैं। वह सिनोनिम्स (2019), द किंडरगार्टन टीचर (2014) और पुलिसमैन (2011) जैसी शानदार फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। नादव लैपिड लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन लेपर्ड जूरी के सदस्य, 2016 के कान फिल्म फेस्टिवल में इंटरनेशनल क्रिटिक्स वीक जूरी के सदस्य और 71 वें बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म में आधिकारिक प्रतियोगिता जूरी के सदस्य रहे हैं।
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