
110 करोड़ की लागत से किया जा रहा एप्रन निर्माण, अभी 14 विमान ही खड़े हो सकते हैं
जयपुर। जयपुर एयरपोर्ट पर विमानों के संचालन के लिए नए पार्किंग-बे विकसित करने का काम तेजी से चल रहा है। एयरपोर्ट प्रशासन ने दो जगह चिन्हित कर नए एप्रन विकसित करने का कार्य शुरू किया है। इस पर करीब 110 करोड़ खर्च होंगे। इनमें से एक एप्रन टैंगो टैक्सी पर, जबकि दूसरा एटीसी टावर से आगे जगतपुरा नाले की तरफ विकसित किया जा रहा है।
अच्छी बात यह है कि पहले एप्रन में 19 नए पार्किंग-बे बनकर तैयार हो गए हैं। एयरपोर्ट का अभी केवल 14 विमानों की ही पार्किंग उपलब्ध है। इसे देखते हुए पिछले साल फरवरी से एयरपोर्ट अथॉरिटी ने नए पार्किंग-बे विकसित करने का काम शुरू किया था।

टैंगो टैक्सी पर बनाए गए 19 नए पार्किंग-बे
19 नए पार्किंग-बे जयपुर एयरपोर्ट पर बनकर तैयार किए जा चुके हैं। ये पार्किंग-बे टैंगो टैक्सी पर बनाए गए हैं। दरअसल टैंगो टैक्सी मुख्य रनवे से राज्य सरकार के स्वामित्व वाले स्टेट हैंगर को जोडऩे वाला टैक्सी-बे है। टैंगो टैक्सी के दोनों तरफ 19 नए पार्किंग-बे बनाए गए हैं। इनमें से 11 पार्किंग बे स्टेट हैंगर सड़क की तरफ, जबकि 8 पार्किंग बे टर्मिनल-1 के हिस्से की तरफ विकसित किए गए हैं।
इसका फायदा यह होगा कि आने वाले समय में जब एयरपोर्ट का नया टर्मिनल बनकर तैयार हो जाएगा और पुराने एयरपोर्ट टर्मिनल-1 से भी इंटरनेशनल फ्लाइट संचालित होंगी, तब दोनों तरफ से यात्रियों के आवागमन के लिए विमान टैंगो टैक्सी पर पार्क हो सकेंगे।
46 विमान एक साथ हो सकेंगे पार्क
सभी पार्किंग बे बनकर तैयार होने पर एयरपोर्ट पर विमानों की पार्किंग क्षमता काफी अधिक हो जाएगी। फिलहाल 14 विमान एक साथ पार्क हो सकते हैं। 32 नए पार्किंग बे बनने के बाद एयरपोर्ट पर कुल 46 विमान एक साथ पार्क हो सकेंगे।
यदि जंबो जेट विमानों को शामिल किया जाए, तो पार्किंग क्षमता 40 विमानों की होगी। पार्किंग क्षमता बढऩे से दिल्ली से डायवर्ट होने वाले विमानों के लिए पर्याप्त संख्या में पार्किंग स्थान उपलब्ध रहेंगे। साथ ही एयरलाइंस के लिए यहां अपना बेस स्टेशन स्थापित करने में भी आसानी रहेगी।
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