
जयपुर। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सूची में नाम जोडऩे के लिए पोर्टल पुन: शुरू कर दिया है। ई मित्र के माध्यम से नवीन आवेदन पत्र स्वीकार किए जाएंगे। पोर्टल पर आवेदन के लिए जन आधार कार्ड एवं आधार नंबर होना आवश्यक है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सोमवार को बताया कि हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2022- 23 की बजट घोषणा में 10 लाख नए परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सूची में जोडऩे की घोषणा की थी। बजट घोषणा पर तुरंत प्रभावी कार्यवाही करते हुए विभाग ने एनएफएसए पोर्टल को तुरंत शुरू करने का निर्णय लिया है। प्रदेश की जनता को वन नेशन वन राशन कार्ड के तहत पूरे देश में कहीं से गेहूं लेने का लाभ मिल रहा है। भविष्य में भी इन लाभार्थियों को राशन लेने में परेशानी ना हो इसलिए नए आवेदनों में जन आधार कार्ड एवं आधार नंबर को अनिवार्य किया गया है।
मंत्री खाचरियावास ने कहा कि प्रदेशवासियों द्वारा लंबे समय से एनएफएसए पोर्टल को पुन: शुरू किए जाने की मांग की जा रही थी। अब प्रदेश का हर जरूरतमंद सस्ते गेहूं का लाभ उठा सकेगा और कोई भूखा नहीं रहेगा।
केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में प्रदेश के एनएफएसए लाभार्थियों की अधिकतम संख्या 4.46 करोड़ होने पर एनएफएसए पोर्टल को 18 मई 2020 को बंद कर दिया गया था। लेकिन अब पोर्टल पुन: शुरू किया गया है।
पात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता
खाचरियावास ने कहा कि राज्य सरकार का सदैव प्रयास रहा है कि सभी पात्र लोगों को विभाग द्वारा संचालित सस्ते गेहूं की इस योजना का लाभ मिल सके। वर्ष 2013 में कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार के दौरान प्रारंभ हुई इस योजना से आज भी आमजन लाभान्वित हो रहे हैं। पात्र लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा केंद्र सरकार को पत्र लिखकर प्रयास भी किया जा रहा है। कोविड काल में विभाग द्वारा नि:शुल्क गेहूं का वितरण किया गया था।
राज्य सरकार की सस्ते गेहूं की इस योजना के कारण कोविड महामारी के दौरान आर्थिक रूप से प्रभावित लोगों को भी भूखा नहीं रहना पड़ा। मंत्री ने बताया कि विभाग की एक रुपये किलो गेहूं फ्लैगशिप योजना के तहत प्रदेश में बीपीएल, स्टेट बीपीएल परिवारों को 5 किलो गेहूं प्रति यूनिट और अंत्योदय परिवारों को 35 किलो गेहूं प्रति परिवार हर माह दिया जा रहा है। शेष सभी श्रेणी के लाभार्थियों को 2 रुपये प्रति किलो गेहूं उपलब्ध करवाया जा रहा है।