समस्या नहीं, समाधान देने वाला हो कार्यकर्ता

भीलवाड़ा। महाश्रमण सभागार में साध्वी कल्पलता की प्रेरणा से तेरापंथ महिला मंडल कार्यकर्ता सम्मेलन हुआ। साध्वी शारद यशा ने कहा कि व्यक्ति अपने भीतर छुपी प्रतिभा को प्रकट करने, दूसरों के लिए कुछ अर्पण करने और स्वयं की पहचान के लिए कार्यकर्ता बनना चाहता है। अध्यक्ष पुष्पा बैद ने कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में प्रतिभा निखरे इसलिए आचार्य तुलसी ने नारी समाज को ऐसा मंच दिया है।

महामंत्री तरुणा बोहरा ने कहा कि हर कार्यकर्ता सूर्य की तरह समय प्रतिबद्धता के साथ अपने दायित्व का निर्वहन करें। राष्ट्रीय सहमंत्री नीतू ओस्तवाल ने कहा कि हमें समस्या की बजाए समाधान पर ध्यान देते हुए अच्छा कार्यकर्ता बनना चाहिए। मीना बाबेल, लता जैन, विमला नाहटा, हेमलता जैन एवं मंजू बडोला की उपस्थिति रही। आचार्य महाश्रमण ने जैनागम पर कहा कि दुनिया में नित्यता और अनित्यता का क्रम सदैव चलता रहता है।

स्थिरता के बिना परिवर्तनशीलता नहीं है। परिवर्तनशीलता के बिना स्थिरता नहीं। एक स्थिति से दूसरी स्थिति में जाना परिणमन कहलाता है। ये जीव और अजीव दोनों में होता है। जैन दर्शन के अनुसार भावों में परिवर्तनशीलता आती है, कर्मों का उदय होता है, जिसके फलस्वरूप जीव का परिणामांतर होता रहता है।

आचार्य ने आगे कहा कि जीव परिणाम के कुछ प्रकार है। जैसे-गति, इंद्रिय, कषाय, लेश्या, योग, उपयोग, चारित्र, वेद आदि। इनमें से कुछ त्याज्य है तो कुछ उपादेय है। कार्यक्रम में साध्वी योगप्रभा ने गीतिका की प्रस्तुति दी। चंदा बाबेल व दर्श चौरडिय़ा ने विचार रखे। सुरेश चंद्र बोरदिया को 25 की तपस्या में 30 मासखमण की तपस्या का प्रत्याख्यान करवाया।

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