
जयपुर। राजस्थान सरकार कारोना महामारी के दौर में आमजन की भावनाओं का पूरी तरह से सम्मान कर रही है। राज्य सरकार की नई गाइडलाइन में कहा गया है कि हर मृतक की कोरोना जांच नहीं होगी, सिर्फ उन्हीं की कोरोना जांच होगी जिनमें कोरोना से जुड़े लक्षण पाए जाएंगे। राजस्थान के सरकारी अस्पतालों समेत निजी चिकित्सालयों व आवासों में अन्य बीमारियों से होने वाली मौतों के मामले में अब शव का कोरोना टेस्ट जरूरी नहीं होगा। सिर्फ उन्हीं मौतों में शव का कोरोना टेस्ट करवाया जाएगा, जिनकी मौत कोरोना के आईएलआई लक्षणों से हुई होगी। चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग (ग्रुप-2) विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोरा ने इस संबंध में विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। नई गाइडलाइन में उन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए आमजन की भावनाओं के अनुरूप मृतक देह का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार के लिए निर्देश जारी किए हैं।
राजस्थान सरकार का नया कदम मृतक के परिजनों का दर्द कुछ कम हल्का करने का काम करेगा
परिजन कर सकेंगे अब अंतिम संस्कार
नए आदेशानुसार मृतक व्यक्ति की देह कोरोना की जांच रिपोर्ट का इंतजार किए बिना परिजनों को दी जा सकेगी। मृतकों की देह का पोस्टमार्टम भी नहीं किया जाएगा। यदि किन्हीं विशेष कारणों से शव परीक्षण किया जाना आवश्यक हो तो संक्रमण को रोकने के लिए विशेष रूप से भारत सरकार द्वारा 15 मार्च को जारी सभी संभव उपाय अपनाते हुए पोस्टमार्टम किया जाएगा। गाइडलाइन में कहा गया है कि परिजन मृतक की देह को अंतिम संस्कार के लिए तभी ले जा सकेंगे, जब वे संबंधित जिला प्रशासन को सूचना देंगे। यदि परिजन शव को लेने की अनिच्छा जाहिर करेंगे तो धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप शव का निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुरूप नगर निकाय ही अंतिम संस्कार करेगा। ऐसे प्रकरणों के प्रबंधन के लिए अस्पतालों में एक हैल्प डेस्क बनाई जाएगी।
सरकार का मानवीय फैसला
कोरोना महामारी हजारों जानें लील गई। कोरोना महामारी की गाइडलाइन के मुताबिक मृतक के सिर्फ 2-4 परिजन को ही अंतिम वक्त में जाने की इजाजत होती थी, जाबकि अंतिम संस्कार के सभी संस्कार शव को साथ लेकर आए प्रशासनिक कार्मिक ही करते थे। बस परिजन दिल में एक दर्द का सैलाब छुपाए हुए अपने को बस दूर से अंतिम विदाई दे पाते थे। जिनके साथ यह सब बीता है उन्हें यह दर्द उम्र भर सालता रहेगा। कभी नहीं भूलने वाला यह दर्द लिए मृतक के परिजन सिर्फ सब्र करने के अलावा कुछ नहीं कर सकते। लेकिन, सरकार ने अब बड़ा फैसला लेते हुए मृतक के परिजनों को खुद अंतिम संस्कार करने की इजाजत देकर एक मानवीय कदम उठाया है हालांकि, इसमें कुछ शर्तें और पाबंदियां लागू रहेंगी लेकिन, सरकार के इस कदम से परिजनों का कुछ दर्द तो हलका होगा।