अब श्रीविजयनगर में महापड़ाव; 2 को घड़साना में प्रदर्शन 3 को बिरधवाल हेड पर कब्जा करेंगे…पानी लेकर जाएंगे

घड़साना से लेकर श्रीविजयनगर तक आंदोलन, मांग एक ही-पूरा सिंचाई पानी मिले

श्रीगंगानगर। आईजीएनपी संघर्ष समिति ने 4 सूत्री मांगों को लेकर बुधवार को एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर महापड़ाव डाल दिया। इससे पूर्व रामलीला मैदान में किसानों की सभा हुई। प्रदर्शनकारियों में मुख्य रूप से भारतीय किसान संघ से जुड़े किसान, भाजपा के मौजूदा व पूर्व विधायक, पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल थे।

संघर्ष समिति ने किसानों के महापड़ाव स्थल पर बैठक कर 2 अक्टूबर को घड़साना एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन करने और 3 अक्टूबर को बिरधवाल हैड पर कब्जा करने का निर्णय लिया है। इसके बावजूद भी सरकार ने मांगें नहीं मानी तो आगे की रणनीति तय की जाएगी। किसान आईजीएनपी प्रथम चरण में 4 में से 2 समूह में पानी देने, रबी का रेगुलेशन किसानों की मांग के अनुसार तय करने, मुख्य अभियंता हनुमानगढ़ विनोद मित्तल को हटाने और बांधों में जल भंडारण अवधि में 21 सितंबर तक बीते साढ़े चार माह में 8000 क्यूसेक की बजाय औसत 5500 से 6000 क्यूसेक पानी ही मिला, इसकी बीबीएमबी से जांच करवाकर रिपोर्ट संघर्ष समिति को मुहैया करवाए जाने की मांग कर रहे हैं।

किसानों के महापड़ाव में ईश्वजीत सिंह दानेवालिया, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष हरिसिंह कामरा, श्रीविजयनगर के चेयरमैन राजेंद्र लेघा, मनीष कुमार कौशल, अविनाश डाबी, सरदूल सिंह कंग, मनीष कुलडिय़ा, दीपक मिड्ढा, मोहित छाबड़ा, दिलीप बिश्नोई, कुलदीप जोशन, विनोद धारणिया, सत्यनारायण गोदारा, जसवंतसिंह चंदी, प्रेम सिंह बेनीवाल, रामकुमार खिलेरी, किशन दुग्गल, राकेश मंडा ने भी किसानों को संबोधित किया।

भाजपा की एक तीर से कई निशाने साधने की कवायद

सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता हनुमानगढ़ में बैठते हैं। इसके बावजूद भाजपा के तीन जिलों श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ व बीकानेर के विधायक बुधवार को श्रीविजयगनर में हुए प्रदर्शन में शामिल हुए। कई पूर्व विधायकों व पार्टी पदाधिकारियों ने भी उपस्थिति दर्ज करवाई। इसकी किसानों में खासी चर्चा रही। धरना-प्रदर्शन में पीलीबंगा व संगरिया के दोनों विधायक शामिल थे। वहीं बीकानेर जिले से भी विधायक आए। हनुमानगढ़ के भाजपा जिलाध्यक्ष भी शामिल रहे।

हालांकि कहा यही गया कि आईजीएनपी किसान संघर्ष समिति ने महापड़ाव डाला है। कृषि कानूनों के लेकर चल रहे आंदोलन के कारण पूर्व में भाजपा विधायकों के साथ पदमपुर व श्रीगंगानगर सहित कई जगह दुर्व्यवहार किए जाने घटनाएं घट चुकी हैं। ऐसे में भाजपा ने श्रीविजयनगर में पानी के आंदोलन से एक साथ कई निशाने साधने का प्रयास किया है। भाजपा ने यह दर्शाने का प्रयास किया है कि विधानसभा में विपक्षी दल होने के नाते वह सिंचाई पानी के लिए राज्य सरकार पर दबाव बना रही है। दूसरा कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर दूर हो रहे किसानों को फिर से जोडऩे की यह कवायाद है। घड़साना में तीन दिन से चल रहे महापड़ाव की अगुवाई माकपा नेता कर रहे हैं। ऐसे में भाजपा भी सक्रिय रहती है तो किसानों में सकारात्मक संदेश जाता है।

प्रशासन को बंधक बनाने की चेतावनी दी तो आया संदेश-वार्ता में मुख्य अभियंता आएंगे

घड़साना. आईजीएनपी के प्रथम चरण में चार में से समूह में सिंचाई पानी देने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों का महापड़ाव बुधवार को तीसरे दिन जारी रहा। सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता हनुमानगढ़, विनोद मित्तल गुरुवार को दोपहर 1:30 बजे यहां किसानों के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता करेंगे। इस बीच किसानों ने महापड़ाव स्थल पर सभा की।

किसानों ने बुधवार 2 बजे तक अल्टीमेटम दिया था। शाम 6 बजे तक प्रशासन की ओर से कोई सकारात्मक संदेश नहीं आया। इस पर किसानों ने घोषणा की कि 2 अक्टूबर को प्रशासन का घेराव करेंगे। घेराव में महिलाएं भी शामिल होंगी। घोषणा के एक घंटे बाद ही प्रशासन का संदेश आया कि गुरुवार को दोपहर 1:30 बजे चीफ इंजीनियर घड़साना पहुंचेंगे और किसानों के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता करेंगे।

इससे पहले महापड़ाव स्थल पर किसानों ने रणनीति बनाई कि वे 2 अक्टूबर को ट्रैक्टर ट्रालियों में परिवार सहित घड़साना में एसडीएम कार्यालय को घेरेंगे। प्रशासनिक अधिकारियों कर्मचारियों को कार्यालय से बाहर नहीं आने देंगे। किसानों की उग्र रणनीति की घोषणा के तत्काल बाद प्रशासन भी हरकत में आ गया। आनन-फानन में उच्चाधिकारियों को किसानों की मंशा से अवगत करवाया। महापड़ाव में बुधवार को बृजलाल मेघवाल की अध्यक्षता में सभा हुई।

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