नेशनल स्पोर्ट्स-डे के मौके पर खिलाडियों और कोच को दिए गए अवॉर्ड

इससे पहले 2016 में चार खिलाडियों को खेल रत्न मिला था

नई दिल्ली। नेशनल स्पोर्ट्स-डे के मौके पर शनिवार को खिलाडिय़ों और कोच को अवॉर्ड दिए गए। कोरोना के कारण पहली बार अवॉर्ड सेरेमनी राष्ट्रपति भवन में न होकर वर्चुअल तरीके से हुई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अलग-अलग 7 कैटेगरी में 74 खिलाडिय़ों और कोच को पुरस्कार दिया। खेल रत्न के लिए चुनीं गईं महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल पीपीई किट पहनकर स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बेंगलुरु सेंटर में अवॉर्ड लेने पहुंचीं।

पहली बार एक साथ पांच खिलाडिय़ों को खेल रत्न दिया गया। इसमें से दो खिलाड़ी रोहित शर्मा और रेसलर विनेश फोगाट सेरेमनी में शामिल नहीं हुए। विनेश की एक दिन पहले ही कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जबकि रोहित आईपीएल के लिए यूएई में हैं। इसके अलावा टेबल टेनिस प्लेयर मनिका बत्रा, 2016 के पैरालिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट मरिप्पन थंगावेलु साई सेंटर से अवॉर्ड सेरेमनी में जुड़े।

सम्मान समारोह आपकी सफलता का उत्सव – राष्ट्रपति

इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खिलाडिय़ों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि आप सबने यह सिद्ध किया है कि इच्छा, लगन और मेहनत के बल पर सभी बाधाओं को दूर किया जा सकता है। यही खेल-कूद की सबसे बड़ी विशेषता है, यही अच्छे खिलाड़ी का आदर्श है। आज का यह पुरस्कार समारोह, कड़ी मेहनत और समर्पण से प्राप्त की गई आप सबकी सफलता का उत्सव है।

उन्होंने आगे कहा कि आप सबने वर्षों की मेहनत, लगन और साहस के बल पर अपनी खास पहचान बनाई है। कोविड का यह दौर आप सबके तथा अन्य खिलाडिय़ों और प्रशिक्षकों के साहस और धीरज के इम्तिहान की घड़ी है।

खिलाड़ी हमारी राष्ट्रीय संपत्ति – खेल मंत्री

खेल मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि खिलाडी हमारी राष्ट्रीय संपत्ति है, मैं सभी नागरिको से ये अनुरोध करता हूं कि सभी खिलाडियों का प्रोत्साहन करें। मैं सभी खिलाडिय़ों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

अवॉर्ड सेरेमनी से एक दिन पहले एथलेटिक्स कोच का निधन

79 साल के एथलेटिक्स कोच पुरुषोत्तम राय को भी लाइफटाइम कैटेगरी में द्रोणाचार्य अवॉर्ड मिला। उनकी एक दिन पहले ही दिल का दौरा पडऩे से मौत हो गई थी। उन्होंने शुक्रवार शाम को नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड की ड्रेस रिहर्सल में हिस्सा लिया था। इसके बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ी और इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।

4 साल पहले चार खिलाडियों को खेल रत्न मिला था

इससे पहले, 2016 में एक साथ 4 खिलाडिय़ों को यह अवॉर्ड मिला था। तब रियो ओलिंपिक में सिल्वर जीतने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु, महिला रेसलिंग में ब्रॉन्ज जीतने वाली साक्षी मलिक को यह सम्मान मिला था। इनके अलावा जिमनास्ट दीपा कर्माकर और शूटर जीतू को भी देश का सबसे बड़ा खेल पुरस्कार मिला था। 2009 में 3 खिलाडिय़ों बॉक्सर एमसी मैरीकॉम, विजेंदर सिंह और सुशील कुमार को खेल रत्न दिया गया था।

पांच बार दो खिलाडिय़ों को मिल चुका है खेल रत्न

पांच मौकों पर दो खिलाडिय़ों को खेल रत्न मिला है। सबसे पहले 1997 में वेटलिफ्टर कुंजरानी देवी और टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस को यह अवॉर्ड मिला था। 6 साल बाद 2003 में शूटर अंजली भागवत और एथलीट के. बीनामोल को देश का सबसे बड़ा खेल पुरस्कार मिला। 2012 में निशानेबाज विजय कुमार और योगेश्वर दत्त यह सम्मान हासिल करने वाले खिलाड़ी बने। इसके 5 साल बाद फिर से दो खिलाडिय़ों देवेंद्र झाझरिया और सरदार सिंह खेल रत्न चुने गए। पिछले साल पैरा एथलीट दीपा मलिक और रेसलर बजरंग पूनिया इस अवॉर्ड से सम्मानित हुए।