
जयपुर एसमएमएस में सीनियर डॉक्टर्स संभाल रहे ओपीडी, इंटर्न को लगाया इमरजेंसी में
जयपुर। राजस्थान में मंगलवार को विधानसभा में राइट टू हेल्थ बिल पास हो चुका है। लेकिन, इस बिल के पास होने के दो दिन पहले से प्रदेश के डॉक्टर्स हड़ताल पर उतर आए थे। मंगलवार को विधानसभा घेराव के लिए निकले डॉक्टर्स के साथ धक्का-मुक्की हुई और वॉटर कैनन चलाया गया।

इधर, बुधवार को लगातार तीसरे दिन विरोध प्रदर्शन जारी है। आज भी प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर्स के साथ रेजिडेंट्स डॉक्टर्स भी हड़ताल पर उतर आए हैं। जयपुर के बाद अब उदयपुर, कोटा, झालावाड़ और उदयपुर मेडिकल कॉलेज की यूनियनों ने भी इसका समर्थन करते हुए काम बंद कर दिया। रेजिडेंट्स के काम बंद करने से ओपीडी, आईपीडी के साथ इमरजेंसी सर्विस भी प्रभावित हो रही है। हालांकि इन मेडिकल कॉलेजों से अटैच हॉस्पिटलों में इन सर्विस डॉक्टर्स और सीनियर डॉक्टरों ने कमान संभाली है।
एसएमएस हॉस्पिटल में मेडिकल कॉलेज से जुड़े सीनियर डॉक्टर्स ओपीडी और आईपीडी संभाल रहे हैं। जबकि इमरजेंसी में नर्सिंगकर्मियों के साथ इंटर्न को लगाया गया है।जयपुर के स्रूस् हॉस्पिटल के बाहर सभी डॉक्टर्स जमा होना शुरू हो गए है। यहां विरोध में अपने रजिस्ट्रेशन और मार्कशीट की फोटो कॉपी जलाई और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसके अलावा यहां पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है। डॉक्टर्स ने विरोध में राइट टू हेल्थ बिल की कॉपी जलाकर विरोध किया।

इधर प्राइवेट हॉस्पिटल संचालकों के संगठन समेत डॉक्टरों से जुड़े दूसरे संगठन भी आज अपनी आगे की रणनीति तय करने के लिए एसएमएस हॉस्पिटल के जेएमए सभागार में जुटेंगे। संभावना है यहां वे राज्य सरकार की सभी सरकारी हेल्थ स्कीम (चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, आरजीएचएस) का हमेशा के लिए बहिष्कार करने का निर्णय कर सकते है।
अजमेर में डॉक्टर्स ने जलाई अपनी मार्कशीट की कॉपी

राइट टू हेल्थ बिल एवं जयपुर में प्राइवेट डॉक्टर्स पर हुए लाठीचार्ज को लेकर बुधवार को अजमेर में दूसरे दिन भी विरोध जारी रहा। जेएलएन मेडिकल कॉलेज में प्राइवेट, सीनियर्स और रेजिडेंट डॉक्टर्स के द्वारा प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के बाद डॉक्टर्स के अपनी डिग्री की फोटो कॉपी जलाकर सरकार के खिलाफ विरोध जाहिर किया। वहीं जेएलएन हॉस्पिटल के रेजिडेंट डॉक्टर्स संपूर्ण कार्य बहिष्कार पर चल रहे हैं।
एसएमएस में मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर ने संभाली कमान
प्रदेश में करीब ढाई हजार प्राइवेट हॉस्पिटल है। प्राइवेट और रेजिडेंट्स करीब 6 हजार डॉक्टर्स बुधवार को हड़ताल पर है। ऐसे में प्रदेश के सबसे बड़े स्रूस् हॉस्पिटल में भी एक बार के लिए व्यवस्था बिगड़ गई थी। इस पर मेडिकल कॉलेज और सीनियर डॉक्टर्स ने ओपीडी संभाली। यहां के मेडिकल ब्लॉक में मरीजों की लंबी लाइन लगी हुई थी। ऐसे में सीनियर डॉक्टर यहां पहुंचे और ओपीडी व आईपीडी के मरीजों को देखा।
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर डॉ. रमन शर्मा ने बताया कि सभी फैकल्टी मेंबर को ओपीडी में लगाया है। भीड़ बहुत ज्यादा है लेकिन ऐसा नहीं है कि मरीजों को देखा नहीं जा रहा है। उनका टेस्ट किया जा रहा और प्रॉपर दवाई दी जा रही है। इमरजेंसी के लिए निर्देश दिए है कि ऐसे केस होने पर एक बार उन्हें वहीं पर पूरा ट्रीटमेंट दे दिया जाए और इसके बाद वार्ड में शिफ्ट करें।
इमरजेंसी में नर्सिंग स्टाफ और इंटर्न को लगा रखा है। रेजिडेंट्स डॉक्टर्स नहीं होने पर काम का प्रेशर काफी ज्यादा है लेकिन पूरी टीम बेहतर तरीके से मैनेज कर रही है। इधर, डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते मरीज भी परेशान हो रहे हैं। पिलानी (झुंझुनूं) से आई आशा तिवाड़ी ने बताया कि वह दो-तीन घंटे से बच्ची को लेकर घूम रही हूं। जयपुर और जेके लोन हॉस्पिटल गए थे, वहां बताया कि हड़ताल है इसलिए एसएमएस जाओ। यहां भी बच्ची को लेकर घूम ही रही हूं।वहीं, श्रीमाधोपुर (सीकर) से आए द्वारका यादव ने बताया कि मैं मम्मी को दिखाने जयपुर आया था लेकिन, यहां पता चला कि हड़ताल है। पिछले दो घंटे से यहां पर खड़ा हूं।
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