पद्म विभूषण पंडित बिरजू महाराज का निधन

नई दिल्ली। प्रसिद्ध कथक नर्तक और पद्म विभूषण पंडित बिरजू महाराज का हार्ट अटैक की वजह से निधन हो गया है। 83 साल के बिरजू महाराज ने रविवार और सोमवार की दरमियानी रात दिल्ली के साकेत हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। बिरजू महाराज की पोती रागिनी ने बताया कि महाराज का एक महीने से इलाज चल रहा था। बीती रात करीब 12.15-12.30 बजे उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई जिसके बाद उन्हें अस्पताल में एडमिट किया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। उनके निधन से बॉलीवुड इंडस्ट्री में भी शोक की लहर है।

कत्थक नृत्यांगना प्रेरणा श्रीमाली ने गहरा शोक…..

वे बेहतरीन परफॉर्मर और उतने ही गम्भीर गुरु थे। ऐसा संयोग दुर्लभ है। शब्द ही नहीं हैं कुछ कहने के लिए। पंडित जी के स्वर्गवास से भारतीय नृत्य कला और संगीत को गहरा आघात लगा है। आज कत्थक की ड्योढ़ी सूनी और संगीत और नृत्य की लय थम गई है। साथ ही सुर मौन एवं भाव शून्य हो गए हैं। उन्होंने कहा कि बिरजू महाराज के साथ उनके अनेक संस्मरण आज भी ज़ेहन में हैं। वे सच्चे अर्थों में कत्थक के महान साधक और पुजारी थे। उनकी कमी कला जगत में एक बड़ा शून्य पैदा कर गई है।

बिरजू महाराज के निधन की खबर से संगीत प्रेमियों में शोक की लहर छा गई है। साहित्यकार, लेखक, टीवी निर्माता, निदेशक और वरिष्ठ पत्रकार बृजेंद्र रेही ने भी बिरजू महाराज के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि आज कला और कत्थक का प्रज्वलित दीपक बुझ गया। उनकी कमी कभी पूरी नही हो सकेंगी। 83 वर्षीय बिरजू महाराज ने हृदयाघात होने से रविवार-रात दिल्ली में अंतिम सांस ली।

कत्थक नृत्यांगना प्रेरणा श्रीमाली ने गहरा शोक व्यक्त किया

पद्म विभूषण से सम्मानित महान कत्थक नर्तक पंडित बिरजू महाराज के निधन पर जयपुर घराने की जानी मानी कत्थक नृत्यांगना प्रेरणा श्रीमाली ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि में कहा कि कत्थक के सरताज बिरजू महाराज जी कत्थक का पर्याय थे। वे बेहतरीन परफॉर्मर और उतने ही गम्भीर गुरु थे। ऐसा संयोग दुर्लभ है। शब्द ही नहीं हैं कुछ कहने के लिए। पंडित जी के स्वर्गवास से भारतीय नृत्य कला और संगीत को गहरा आघात लगा है। आज कत्थक की ड्योढ़ी सूनी और संगीत और नृत्य की लय थम गई है। साथ ही सुर मौन एवं भाव शून्य हो गए हैं। उन्होंने कहा कि बिरजू महाराज के साथ उनके अनेक संस्मरण आज भी ज़ेहन में हैं। वे सच्चे अर्थों में कत्थक के महान साधक और पुजारी थे। उनकी कमी कला जगत में एक बड़ा शून्य पैदा कर गई है।

बिरजू महाराज के निधन की खबर से संगीत प्रेमियों में शोक की लहर छा गई है। साहित्यकार, लेखक, टीवी निर्माता, निदेशक और वरिष्ठ पत्रकार बृजेंद्र रेही ने भी बिरजू महाराज के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि आज कला और कत्थक का प्रज्वलित दीपक बुझ गया। उनकी कमी कभी पूरी नही हो सकेंगी। 83 वर्षीय बिरजू महाराज ने हृदयाघात होने से रविवार-रात दिल्ली में अंतिम सांस ली।