पाकिस्तान ने फिर चीन से लिए 11 हजार करोड़ रूपए, सऊदी अरब का उतार रहा है कर्ज

पाकिस्तान पर चीन का कर्ज बढ़ता जा रहा है। एक बार फिर पाकिस्तान ने चीन से 1.5 बिलियन डॉलर (करीब 11 हजार करोड़ रु.) की मदद ली है। इस रकम में से यह सऊदी अरब के 2 बिलियन डॉलर (करीब 14 हजार) करोड़ रु के बकाया कर्ज की आधी रकम लौटाएगा।

पाकिस्तान के स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान और वित्त मंत्रालय के मुताबिक, सोमवार तक सऊदी को 1 बिलियन डॉलर लौटा दिए जाएंगे। बाकी का 1 बिलियन डॉलर लौटाने के लिए जनवरी का समय तय किया गया है। 3 महीने में यह दूसरी बार है जब पाकिस्तान ने कर्ज उतारने के लिए लोन लिया है। इससे पहले सितंबर में भी उसने चीन से कर्ज लेकर सऊदी अरब का कर्ज चुकाया था।

चीन ने पाकिस्तान को इस बार स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेन एक्सचेंज (सेफ) के तहत पैसे नहीं दिए, ना ही कमर्शियल लोन दिया है। यह रकम चीन ने करंसी स्वैप एग्रीमेंट की तहत दी है। पाकिस्तान और चीन ने द्विपक्षीय ट्रेड और इनवेस्टमेंट को बढ़ावा देने के लिए 2011 में यह एग्रीमेंट किया था। इस एग्रीमेंट के तहत लिए गए पैसे को विदेशी कर्ज नहीं माना जाएगा। हालांकि, पाकिस्तान को ब्याज के साथ रकम लौटानी होगी।

पाकिस्तान और सऊदी अरब के रिश्ते बीते कुछ महीनों से बिगड़े हुए हैं। पाकिस्तान ने सऊदी अरब से कश्मीर मुद्दे पर इस्लामिक देशों की बैठक बुलाने के लिए कहा था। हालांकि, सऊदी अरब ने ऐसा नहीं किया।

इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने उसकी आलोचना की थी। इसके बाद सऊदी ने पाकिस्तान पर अपना कर्ज लौटाने का दबाव बढ़ा दिया। इसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री और सेना प्रमुख ने भी सऊदी अरब से रिश्ते सुधारने की कोशिश की। हालांकि, इसका कुछ खास असर नहीं हुआ।