
बारां। श्री जैन श्वेताम्बर समाज मूर्ति पूजक संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र रंगावत एवं उपाध्यक्ष कांतिचंद श्रीमाल ने बताया कि जैन श्वेताम्बर संघ के श्री चंद्रप्रभू मंदिर में चल रहे आठ दिवसीय पर्यूषण पर्व धार्मिक कार्यक्रमों के साथ सम्पन्न हुए।
पर्वाधिराज पर्यूषण पर्व की आराधना करवाने हेतु वर्धमान जैन नवयुवक मण्डल, जावरा से पधारे हुए भावेश बोहरा, संयम जैन एवं आदित्य जैन ने बताया कि जैसे देवो में इन्द्र, तारों में चन्द्र, तीर्थो में शत्रुजंय, मंत्रों में नवकार उसी तरह सर्वज्ञ प्रभू द्वारा कथित सर्व पर्र्वो में श्री वार्षिक पर्व पर्यूषण महान है।
उसमें भी क्षमावाणी का अपना महत्व है। खाममि सव्वे जीवे, सव्वे जीवा खमन्तु में, मित्री में रत्व भुएसु, वेर मझं न केणई। उन्होने कहा कि मनुष्य आज के दिन बैर के बीज को समाप्त करने का संकल्प करें। उन्होनें कहा कि अब आंसूओं को पोछिए और मुस्कराईये, जो कुछ हो चुका है उसे भूल जाओ दीवारे नफरत की अब तो गिराईये। जैसे भी हो दिलों को दिलों से मिलाईये। अब वक्त आ गया है कि एक-दूसरे को अपने मन-मुटाव भूलकर आपस में गले लगाकर क्षमा याचना करने का।

चन्द्रप्रभू महिला मण्डल अध्यक्ष उर्मिला जैन भाया ने बताया कि पर्यूषण पर्व के अवसर पर श्री चन्द्रप्रभू मंदिर पर झूमो नाचो गाओ भक्ति में रंग जाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें महावीर स्वामी में- पीयूष, प्रीतम, सरोज, पूजा, अतुल, विजया प्रथम, नेमीनाथ में- प्रीति, रेखा, ज्योति, सिद्वार्थ, अरिष्ठ द्वितीय तथा आदिनाथ में- अंगूरबाला, कपिल, विवेक, सीमा, गजल, पीयूष तृतीय स्थान पर रहे।
शुक्रवार की स्नात्र पूजा प्रमोद, प्रभा, राहुल, खुशबू मारू की तरफ से सम्पन्न हुई। भोजन गौत्तम, शीतल, यश मारू की तरफ से रहा। पर्युषण पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में श्रीसंघ उपस्थित था।
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