जनवरी में इस दिन है पौष पूर्णिमा, मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय

पौष पूर्णिमा
पौष पूर्णिमा

हिंदू धर्म में पूर्णिमा को बेहद खास माना जाता है। इस बार पौष माह की पूर्णिमा 06 जनवरी 2023, दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी। ये नए साल 2023 की पहली पूर्णिमा है। पौष पूर्णिमा के दिन व्रत, गंगा स्नान एवं दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान, दान, जप और व्रत करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और मोक्ष मिलता है। पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान के बाद रात्रि के समय में चंद्र देव और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इसके अलावा इस दिन कुछ उपाय करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

पौष पूर्णिमा 2023 तिथि

पौष पूर्णिमा
पौष पूर्णिमा
  • पूर्णिमा तिथि आरंभ- 6 जनवरी 2023, शुक्रवार, रात्रि 2 बजकर 16 मिनट से
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त- 7 जनवरी 2023, शनिवार प्रात: 4 बजकर 37 मिनट पर

पौष पूर्णिमा पूजा विधि

पौष पूर्णिमा
पौष पूर्णिमा
  • पौष पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा स्नान करें और इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
  • फिर लक्ष्मी नारायण की हल्दी, रोली, मौली, पुष्प, फल, मिठाई, पंचामृत, नैवेद्य से पूजा करें।
  • इसके बाद सत्य नारायण की कथा पढ़ें और श्री हरि विष्णु का भजन करें।
  • शाम के वक्त चंद्रमा को दूध में चीनी, चावल मिलाकर अघ्र्य दें।
  • गुड़, तिल, कंबल आदि का दान करें और ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
  • सामर्थ के अनुसार गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें।
  • आधी रात को माता लक्ष्मी की पूजा करें।
  • मां लक्ष्मी को धूप, दीप और माला चढ़ाएं।

मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय

पौष पूर्णिमा
पौष पूर्णिमा

6 जनवरी को पूर्णिमा वाले दिन शुक्रवार भी है। ऐसे में मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए खास संयोग बन रहा है। ऐसे में पूर्णिमा के शुभ योग में देवी लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करें। लाल वस्त्र, चूड़ी आदि चढ़ाएं और शुद्ध घी का दीपक लगाएं। संभव हो तो इस दिन उपवास रखें और शाम को चंद्रमा उदय होने के बाद पहले देवी लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं। पौष पूर्णिमा के दिन शुभ योग में मां लक्ष्मी की प्रतिमा किसी चौड़े बर्तन में रखें और गाय के दूध से अभिषेक करें। इस उपाय से धन प्राप्ति के योग बनते हैं। संभव हो तो ये उपाय सुबह करें और इसके बाद अभिषेक में उपयोग किए गए दूध को पीपल के पेड़ की जड़ में चढ़ा दें।

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