मन की बात में देश के कोने-कोने से लोग जुड़े ; मोदी

मन की बात
मन की बात

मन की बात का 100वां एपिसोड

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मन की बात के 100वें एपिसोड को संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने मन की बात कार्यक्रम को जन आंदोलन बताते हुए देश-विदेश सहित पिछले 99 एपीसोड के मुख्य पहलुओं को भी छुआ। उन्होंने मन की बात को सुनने वाले लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, मन की बात कोटि-कोटि भारतियों के मन की बात है। उनकी भावनाओं का प्रकटीकरण है। 3 अक्टूबर 2014 के दिन हमने मन की बात की यात्रा शुरू की। मन की बात में देश के कोने-कोने से लोग जुड़े। हर आयु-वर्ग के लोग जुड़े।

मुझे आप सबकी हजारों चि_ियां मिली हैं : पीएम मोदी

मन की बात
मन की बात

पीएम मोदी ने कहा-आज मन की बात का 100वां एपिसोड है। मुझे आप सबकी हजारों चि_ियां मिली हैं, लाखों संदेश मिले हैं और मैंने कोशिश की है कि ज्यादा से ज्यादा चि_ियों को पढ़ पाऊं, देख पाऊं, संदेशों को जरा समझने की कोशिश करूं। आपके पत्र पढ़ते हुए कई बार मैं भावुक हुआ, भावनाओं से भर गया, भावनाओं में बह गया और खुद को फिर संभाल भी लिया। आपने मुझे ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड पर बधाई दी है, लेकिन मैं सच्चे दिल से कहता हूं। बधाई के पात्र तो आप सब ‘मन की बात’ के श्रोता हैं, हमारे देशवासी हैं।

देशवासी से कटकर नहीं रह सकता

मन की बात
मन की बात

जब मैं गुजरात का सीएम था, तब सामान्य तौर पर लोगों से मिलना-जुलना हो जाता था। 2014 में दिल्ली आने के बाद मैंने पाया कि यहां का जीवन और काम का स्वरूप अलग है। सुरक्षा का तामझाम, समय की सीमा सबकुछ अलग है। शुरुआती दिनों में खाली-खाली सा महसूस करता था। 50 साल पहले घर इसलिए नहीं छोड़ा था कि अपने ही देशवासियों से संपर्क नहीं हो पाएगा। देशवासी सबकुछ हैं और उनसे कटकर नहीं रह सकता था। मन की बात ने मुझे मौका दिया। पदभार और प्रोटोकॉल व्यवस्था तक सीमित रहा। जनभाव मेरा अटूट अंग बन गया।

मन की बात से खड़े हुए जन आंदोलन

मन की बात के जरिए कितने ही आंदोलन खड़े हुए। मन की बात जिस विषय से जुड़ा, वो जन आंदोलन बन गया। खिलौनों की इंडस्ट्री को फिर से स्थापित करने का मिशन मन की बात से ही शुरू हुआ था। हमारे भारतीय श्वान (देशी कुत्ते) के बारे में जागरूकता बढ़ाने की शुरुआत भी मन की बात से ही शुरू हुई थी। इसके साथ ही गरीब और छोटे दुकानदारों से झगड़ा न करने की मुहिम भी शुरू की गई थी। ऐसे हर प्रयास समाज में बदलाव का कारण बने हैं।

पर्यावरण को लेकर मन की बात का प्रयास भी जारी

मैं हमेशा ही कहता हूं कि हमें विदेश में टूर जाने से पहले अपने देश के टूरिज्म प्लेसों पर जाना चाहिए। ऐसे ही हमने स्वच्छ सियाचिन, सिंगल यूज प्लास्टिक और ई-वेस्ट पर भी बात की है। आज दुनिया जिस पर्यावरण को लेकर इतनी परेशान है, उसे लेकर मन की बात का प्रयास भी जारी है। मुझे यूनेस्को की डीजी का बयान भी आया है। उन्होंने मन की बात के 100वें एपिसोड पर बधाई दी है और एक संदेश भी भेजा है।

यह भी पढ़ें : मुख्तार अंसारी को 10 और भाई को 4 साल के लिए भेजा जेल

Advertisement