
अतिरिक्त मिशन निदेशक एनएचएम और निदेशक आईईसी मेघराज सिंह रत्नू ने कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए जन-जन को कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर को अपनाने और कोविड प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित करने के लिए जागरूक किया जाएगा।
रत्नू मंगलवार को ‘कोविड बचाव, अनुकूल व्यवहार बनाए रखने हेतु, प्रदेश के गांव-गांव तक जन जागरूकता अभियान के तहत स्वास्थ्य भवन में आयोजित राज्य स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चिकित्सा सचिव के निर्देशों के अनुसार आमजन को कोरोना के संभावित तीसरी लहर के प्रति जागरूक करने के लिए प्रदेश के सभी आईईसी समन्वयक, जिला कार्यक्रम प्रबंधकों व डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूएनएफपीए जैसी संस्थाओं के साथ मिलकर कार्ययोजना बनाई जा रही है।
आईईसी निदेशक ने कहा कि कोविड महामारी से बचाव के लिए अन्य विभागों सहित समुदाय के हर वर्ग का सहयोग आवश्यक है। ऐसे में जिलों में समुदाय के धर्मगुरुओं के माध्यम से कोविड अनुरूप व्यवहार एवं अनुशासन बनाए रखने की अपील कराए जाने के प्रयास किए जाएंगे, ताकि लोग सतर्क रहते हुए अनुशासित रहें।
उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सा संस्थानों, कोविड केयर सेंटर, रजिस्ट्रेशन काउंटर, दवा वितरण केंद्र, वेटिंग एरिया, वार्ड आदि स्थानों पर कोविड से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव संबंधित प्रचार-प्रसार सामग्री का प्रदर्शन भी किया जाएगा। इसके अलावा फ्लैक्स, बैनर, पंपलेट, शॉर्ट एनीमेशन फिल्म व अन्य साधनों के जरिए भी लोगों को जागरूक किया जाएगा।
रत्नू ने सभी आईईसी समन्वकों से कहा कि कोविड की पहली और दूसरी लहर में सभी जिलों से बेहतर सहयोग प्राप्त हुआ है। संभावित तीसरी लहर से बचाव हेतु के लिए हमें फिर नई ऊर्जा के साथ प्रचार प्रसार गतिविधियों का आयोजन करना है। उन्होंने कहा कि कोरोना जागरूकता के संदेशों को घर-घर तक पहुंचा कर हम कई लोगों का जीवन बचा सकते हैं।
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