
विभिन्न राज्यों में पिछले 15 दिनों में डेंगू के मरीज बढ़े हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जिस तरह से पिछले दिनों हुई तेज बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बने हैं, इससे डेंगू सहित अन्य मच्छरजनित रोगों का भी खतरा बढ़ गया है। हालिया रिपोट्र्स के मुताबिक इस साल जुलाई के महीने तक देश में डेंगू के 136 मामले रिपोर्ट किए गए हैं। अस्पतालों में रोगियों की संख्या बढ़ रही है, हालांकि ज्यादातर लोग ठीक होकर घर भी लौट रहे हैं। डॉक्टर कहते हैं, डेंगू के मामले हल्के और गंभीर दोनों लक्षणों वाले हो सकते हैं। रक्तस्रावी डेंगू को गंभीर स्तर वाला माना जाता रहा है। आपने भी अक्सर सुना होगा कि डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट्स काउंट कम होने लगते हैं, जिसे खतरनाक माना जाता है। पर ये प्लेटलेट्स होता क्या है, डेंगू में ये कम क्यों होने लगता है और इसे बढ़ाने के लिए क्या प्रयास किए जाने चाहिए, आइए इस बारे में विस्तार से समझते हैं।
प्लेटलेट्स के बारे में जानिए

प्लेटलेट्स या थ्रोम्बोसाइट्स, हमारे रक्त में छोटे, रंगहीन कोशिकाओं के टुकड़े होते हैं जो थक्के बनाते हैं और रक्तस्राव को रोकते हैं। प्लेटलेट्स हमारे बोन मैरो में बनते हैं। स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्लेटलेट काउंट 150,000 से 450,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर ब्लड तक होती है। 450,000 से अधिक प्लेटलेट्स होने को थ्रोम्बोसाइटोसिस और इसकी मात्रा 150,000 से कम होने को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के रूप में जाना जाता है। डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट काउंट कम होने की समस्या अधिक होती है।
डेंगू में लो प्लेटलेट्स की समस्या

- डेंगू में प्लेटलेट्स कम होने के मुख्यरूप से तीन कारण हो सकते हैं।
- हमारा बोन मैरो सप्रेस हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप प्लेटलेट उत्पादन में कमी आती है।
- डेंगू वायरस से प्रभावित रक्त कोशिकाएं प्लेटलेट्स को क्षति पहुंचाकर उन्हें नष्ट करने लगती हैं।
- इस दौरान बनने वाली एंटीबॉडीज से भी प्लेटलेट्स कम होने लगता है।
प्लेटलेट्स की कमी और रक्तस्राव का खतरा
डेंगू की गंभीर बीमारी के तीसरे-चौथे दिन तक प्लेटलेट काउंट आमतौर पर कम रह सकता है। हालांकि आठ से नौंवे दिन में इसमें सुधार भी आने लग जाता है। चूंकि प्लेटलेट्स रक्त के थक्के बनाने में मदद करते हैं, इसलिए शरीर में इसकी कमी होने के कारण डेंगू के मामलों में उल्टी या शौच के साथ खून आने की समस्या हो सकती है। डॉक्टर कहते हैं, डेंगू बुखार के मौसम के दौरान सभी लोगों को अपने प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए ताकि संक्रमण से लडऩे में मदद मिल सके।
प्लेटलेट्स कम हो जाए तो इसे कैसे बढ़ाएं?
डेंगू के दौरान प्लेटलेट्स कम होने की स्थिति गंभीर रोग का संकेत होती है। रोगी को अस्पताल में भर्ती किया जाना चाहिए जिससे रक्तस्राव की समस्या के साथ अन्य लक्षणों को कंट्रोल किया जा सके। डॉक्टर दवाओं के माध्यम से इसमें सुधार करते हैं। इसके अलावा ओमेगा-3, विटामिन, आयरन और अन्य खनिजों से भरपूर चीजों का सेवन बढ़ाने से आपके लाभ मिल सकता है। ये रोगजनकों से लडऩे में मदद करते हैं और डेंगू में प्लेटलेट काउंट भी बढ़ा सकते हैं। डेंगू रोगियों को अधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थ, फलों के जूस, नारियल पानी की सेवन करना चाहिए।
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